देहरादून/ऋषिकेश। संस्कृत भाषा को जनप्रिय भाषा के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से संस्कृत शिक्षकों ने नवनिर्वाचित विधायकों से देववाणी में शपथ ग्रहण करने की अपील की। उन्होंने मुलाकात कर कई विधायकों को शपथ पत्र का प्रारूप भी सौंपा।
शनिवार को उत्तराखंड संस्कृत विद्यालय प्रबंधकीय शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने ऋषिकेश और देहरादून में नवनिर्वाचित कई विधायकों से मुलाकात की। उन्होंने इस दौरान ऋषिकेश के विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, नरेंद्रनगर के सुबोध उनियाल, मसूरी के गणेश जोशी, धर्मपुर के विनोद चमोली और राजपुर रोड के विधायक खजान दास को शपथ पत्र का प्रारूप सौंपा।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ जनार्दन कैरवान ने कहा कि संस्कृत उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा है। यदि प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्रिगण और निर्वाचित विधायक संस्कृत भाषा में शपथ लेंगे तो उसका जनमानस में अच्छा संदेश जाएगा। कहा कि पूर्व में भी देश की संसद और कई राज्यों की विधानसभाओं में निर्वाचित प्रतिनिधियों ने संस्कृत भाषा में शपथ ली है।
प्रतिनिधि मंडल में संघ के महासचिव सुभाष डोभाल, कोषाध्यक्ष विजय जुगलान, संगठन मंत्री सुशील नौटियाल, शान्ति प्रसाद मैठाणी, संदीप भार्गव, विनोद गैरोला, आशीष जुयाल आदि शामिल थे।