Jhanda Mela: देहरादून। श्री गुरु रामराय महाराज के दरबार साहिब में 22 मार्च को ध्वजदंड के आरोहण के साथ ही ऐतिहासिक झंडे मेले का विधिवत शुभारंभ हो जाएगा। आज संगतो ने अपने कंधों पर 90 फीट ऊंचे ध्वजदंड को दरबार साहिब पहुंचाया। इस दौरान देश विदेश से पहुंचे हजारों अनुयायी इसके साक्षी बने।
शनिवार को श्री गुरु रामराय और श्रीमहंत देवेन्द्र दास के जयकारों के साथ 90 फीट ऊंचे नए ध्वजदण्ड को दरबार साहिब लाया गया। सुबह साढ़े छह बजे संगतों का गुरु रामराय पब्लिक स्कूल बॉम्बे बाग पहुंचना शुरू हो गया था। उन्होंने श्रीमहंत देवेन्द्र दास के दर्शनों के बाद उनकी अगुवाई में अरदास पढ़ी। आठ बजे संगतों ने नए ध्वजदण्ड को अपने कंधों पर उठाकर दरबार साहिब के लिए प्रस्थान किया। जहां संगतों ने ढोल नगाड़ों की थाप पर जमकर नृत्य किया।
श्रद्धा, उमंग, उल्लास और गुरु की भक्ति के बीच भण्डारी बाग का नज़ारा भक्ति से सराबोर हो गया। संगतों के नए पवित्र ध्वजदंड को उठाते ही पूरा वातावरण गुरु रामराय महाराज, महंत देवेन्द्र दास और झंडे जी के जयकारों से गूंज उठा। बाम्बे बाग, मातावाला बाग से सहारनपुर चौक होते हुए संगतें नए ध्वज दण्ड को लेकर दरबार साहिब पहुंची। इस दौरान रास्तों में दूनवासियों ने पुष्पवर्षा के साथ संगातों और झंडेजी का स्वागत किया। जगह-जगह पर छबील और लंगर लगाए गए थे।
इस अवसर पर महंत देवेन्द्र दास ने कहा कि झंडा मेला प्रेम, स्नेह सद्भाव, भाईचारा, मानवता, श्रद्धा भाव व आस्था से ओतप्रोत मेला है। इस मेले में सभी धर्मों से जुड़े लोग श्री गुरु रामराय महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी झंडे जी मेले को पूरी आस्था व श्रद्धाभाव के साथ मनाया जाएगा।
22 झंडा मेला का शुभारंभ
सोमवार 22 मार्च को ऐतिहासिक झंडे जी का आरोहण के साथ मेला विधिवत शुरू हो जाएगा। पिछले दो वर्ष कोराना महामारी के चलते मेले को संक्षिप्त रूप से मनाया गया। इस वर्ष ऐतिहासिक श्री झंडा मेला भव्य और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। बताया गया कि दरबार साहिब के सज्जादानशीन महंत देवेन्द्र दास की अगुआई में 22 मार्च को 90 फीट ऊंचे झंडे जी का आरोहण किया जाएगा। इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं के जुटने का अनुमान है। आयोजन समिति के व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि दरबार साहिब प्रबन्धन की ओर से संगतों के लिए समुचित व्यवस्था की गई है।
चार महीने से तैयार हो रहे थे झंडेजी
साल के पेड की लकड़ी को नए झंडे जी के लिए तैयार किया गया है। करीब 4 महीने पहले से नए ध्वजदंड को तैयार करने में कई कारीगर लगे हुए थे। मेले की तैयारियों के मद्देनज़र पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल उत्तराखंड और आसपास के राज्यों से संगतें पहुंचने लगी हैं।