उत्तराखंड

देशभर के चिकित्सकों को एम्स देगा प्रशिक्षण

कोरोना संक्रमितों के बेहतर उपचार के लिए आयोजित होंगी कार्यशालाएं

ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स कोविड-19 के गंभीर मरीजों की बेहतर देखभाल को देश के सभी राज्यों के चिकित्सकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन करेगा। इनदिनों दो दिवसीय कार्यशाला के पहले बैच में हरियाणा के जिला और सिविल अस्पतालों के फ्रंटलाइन विशेषज्ञ शामिल हुए।

एम्स में कोविड-19 के रोगियों की देखभाल और वेंटिलेटर प्रबंधन पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई। मुख्य अतिथि एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने चिकित्सकों को बेहतर उपचार के तौर-तरीकों का प्रशिक्षण हासिल करने को प्रेरित किया। कहा कि शैक्षणिक वृद्धि और नई जानकारियां हासिल करने के लिए डॉक्टरों को समय निकालना चाहिए।

डीन एकेडेमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने गैर-शैक्षणिक संस्थानों से अनुसंधान के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यशाला समन्वयक प्रो. देवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि उत्तराखंड और अन्य राज्यों के लिए भी ऐसे ही कार्यक्रमों की योजना के तहत एम्स में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।

कार्यशाला में प्रतिभागियों ने आधुनिक सिमुलेटर का उपयोग कर यांत्रिक वेंटिलेशन पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। साथ ही वेंटिलेटरों की कार्यप्रणाली, विभिन्न बीमारियों के लिए विशिष्ट रणनीतियों के बारे में जानकारियां हासिल की। उन्हें कोविड-19 की तीसरी लहर के मद्देनजर मरीजों को जागरूक करने को भी कहा गया।

जेएचपीआईजीओ, यूएसएआइडी, आरआइएसइ, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से आयोजित कार्यशाला का मकसद विशेषज्ञ चिकित्सकों को प्रशिक्षण और जिला अस्पतालों में मरीजों की बेहतर देखभाल है।

इस अवसर पर एनेस्थिसियोलॉजी विभाग से डॉ. डीके त्रिपाठी, डॉ. अंकित अग्रवाल, डॉ. गौरव जैन, डॉ. प्रवीण तलवार, डॉ. भावना गुप्ता, डॉ. मृदुल धर, डॉ. समीर शर्मा, डॉ. उदय चंद्रन, डॉ. सौरव चंद्राकर, जनरल मेडिसिन विभाग से डॉ. प्रसन्न कुमार पांडा, पल्मोनरी मेडिसिन से डॉ. प्रखर शर्मा, इमरजेंसी मेडिसिन से डॉ. भारत भूषण भारद्वाज, डॉ. अंकिता काबी, बाल रोग विभाग से डॉ. नीलाद्री भुनिया आदि मौजूद थे।

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