… तो ध्यानी सुलझाएंगे देवस्थानम बोर्ड का विवाद!
- पूर्व सांसद एमके ध्यानी बन सकते हैं हाईपावर कमेटी के अध्यक्ष
ऋषिकेश। चारधाम देवस्थानम बोर्ड के जारी विरोध को सुलझाने के लिए प्रदेश सरकार प्रस्तावित हाई पावर कमेटी की कमान पूर्व राज्यसभा सांसद मनोहरकांत ध्यानी को सौंप सकती है। फिलहाल ध्यानी के सुर भी देवस्थानम बोर्ड के पक्ष में ही सुनाई दे रहे हैं।
चारों धामों में अवस्थापना विकास, यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया। 15 जून 2020 को अस्तित्व में आए बोर्ड में उत्तराखंड स्थिति विश्व प्रसिद्ध चार धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत 51 मंदिरों को शामिल किया गया। जिसके बाद से ही स्थानीय समाज में इसका विरोध जारी है। यहां तक कि मामला कोर्ट तक भी पहुंचा।
आंदोलित तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकधारियों का तर्क है कि बोर्ड के गठन से उनके हक-हकूकों को नुकसान पहुंचेगा। इससे धार्मिक मान्यताआें और आस्था के खंडित होने की आशंका भी है। लिहाजा, बोर्ड को समाप्त किया जाए। तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत इससे कम पर मानने को फिलहाल तैयार नहीं दिख रही है।
प्रदेश सरकार ने हाल में तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी को देखते हुए विवाद के सुलझने तक बोर्ड को स्थगित रखने का निर्णय लिया है। साथ ही एक हाई पावर कमेटी के गठन की कवायद भी शुरू की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि तीर्थ पुरोहित और हकहकूकधारी कमेटी के सामने अपना पक्ष रख सकते हैं। इसके बाद ही देवस्थानम बोर्ड पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
उधर, यह बात सामने आई है कि देवस्थानम बोर्ड पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए तीर्थ पुरोहित समाज के बीच के ही पूर्व सांसद मनोहरकांत ध्यानी को हाई पावर कमेटी की जिम्मेदारी दी जा सकती है। ध्यानी पूर्व में बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
पिछले दिनों मनोहरकांत ध्यानी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को खत्म नहीं किया जाएगा। तीर्थ पुरोहितों और हकहकूकधारियों के अधिकारों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा। यह बात उन्होंने तीर्थ पुरोहितों के एक प्रतिनिधिमंडल के समक्ष कही।
महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल का कहना है कि ध्यानी के अध्यक्ष बनने पर उनका कोई ऐतराज नहीं, बल्कि उनकी आशंकाओं को खत्म किया जाना जरूरी है।