सूर्यग्रहण से सभी राशियां रहेंगी प्रभावित, करें उपाय
4 दिसंबर को वर्ष 2021 का अंतिम सूर्यग्रहण, भारत में आंशिक प्रभाव

• शनिवार को अमावस्या पर सूर्यग्रहण सिद्धि और समाधान का कारक दिवस
ऋषिकेश (शिखर हिमालय)। आगामी 4 दिसंबर को वर्ष 2021 का अंतिम सूर्यग्रहण होगा। भारत में ग्रहण का आंशिक रूप से ही कुछ स्थानों पर देखा जाएगा। जिसके चलते सूतक जैसी बाध्यताएं ना के बराबर रहेंगी। वर्ष का अंतिम सूर्यग्रहण सभी राशियों और जातकों को प्रभावित करेगा, वहीं यह ग्रहणकाल साधना, तंत्र-मंत्र-यंत्र सिद्धि, मारक ज्योतीषीय दशाओं के उपाय के लिए सर्वाधिक उपयोगी रहेगा।
यह कहना है जाने माने ज्योतिषाचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल का। घिल्डियाल बताते हैं कि 4 दिसंबर को सुबह 10:59 बजे सूर्यग्रहण प्रारंभ होगा और 3:07 तक रहेगा। ग्रहण विशेष रुप से अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में पूर्ण रुप से दिखाई देगा। जबकि भारत में यह आंशिक रूप से रहेगा। यहां चंद्रमा का एक हिस्सा ही सूर्य के सामने से गुजरेगा, इसलिए इसे खंडग्रास ग्रहण के नाम से भी जाना जाएगा।
आचार्य घिल्डियाल का कहना है कि पूर्ण ग्रहण की दशा में 12 घंटे पहले सूतक प्रारंभ माना जाता है, परंतु आंशिक ग्रहण में सूतक नहीं होता है। इसलिए सूतक का अनुपालन बाध्यकारी नहीं है।
बताया कि इसवर्ष का यह अंतिम सूर्यग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र पर घटित हो रहा है, इसलिए इस राशि और नक्षत्र के जातकों को विशेष रूप से सावधानी रखनी होगी। वृश्चिक राशि के अतिरिक्त वृष, कन्या और कुंभ राशि के जातकों को भी इस काल मं विशेष पूजा पाठ करनी चाहिए।
घिल्डियाल के अनुसार शनिवार के दिन अमावस्या और सूर्यग्रहण के चलते यह दिवस मंत्र और यंत्रों की सिद्धि के लिए वरदान के समान है। असाध्य रोगों से पीड़ित, जन्मकुंडली में मारक दशा, विवाह, संतान, नौकरी, कोर्ट-कचहरी, जमीन-जायदाद, बिजनेस आदि में बाधा के दृष्टिगत उनके लिए यह ग्रहणकाल सिद्धि और समाधान कारक हो सकता है।
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डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल
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