रेल परियोजना पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, प्रदर्शन
परियोजना की साइट पर काम प्रभावित, क्षतिपूर्ति और मुआवजा देने की मांग
• रेल परियोजना के अधिकारियों के साथ वार्ता के बाद वापस लौटे आंदोलनकारी
Rishikesh-Karnprayag Rail Project: ऋषिकेश। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना निर्माण से हुए नुकसान का समाधान नहीं होने पर व्यासी क्षेत्र के ग्रामीणों को गुस्सा फूट पड़ा। भारी बारिश के बावजूद ग्रामीणों ने रेलवे स्टेशन की साइट पर जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान परियोजना का काम भी प्रभावित हुआ। अधिकारियों के बाद बनी सहमति के बाद आंदोलनकारी वापस लौटे। ग्रामीणों का कहना है कि तय एक महीने में हल नहीं निकला, तो 1 सितंबर से उग्र आंदोलन शुरू होगा।
व्यासी, अटाली, लोयल, लोड़सी, कौडियाला और सिंगटाली के ग्रामीण काश्तकारों ने यूकेडी नेता सरदार सिंह पुंडीर के नेतृत्व में व्यासी स्थित रेलवे स्टेशन की साइट पर पहुंचकर रेलवे निगम के खिलाफ नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि टनल निर्माण में भारी विस्फोटों के कारण गांवों के जलस्रोत सूखते जा रहे हैं। ग्रामीणों के मकानों पर दरारें पड़ गई हैं, पैदल मार्ग ध्वस्त हो गए हैं। वहीं, कई लोगों को अभी तक भूमि अधिग्रहण का मुआवजा तक नहीं दिया गया है।
इसबीच जैसे ही परियोजना के अधिकारियों को प्रदर्शन की भनक लगी, आननफानन में वे मौके पर पहुंचे। जिसके बाद रेल परियोजना के डीजीएम भूपेंद्र सिंह, प्रशासनिक उप महाप्रबंधक अजय प्रताप सिंह, स्थानीय प्रशासन की ओर से उप निरीक्षक इंद्रमोहन और आंदोलनकारी सरदार सिंह पुंडीर, प्रवीण सिंह, सुनील सिंह राणा, प्रधान दीपा देवी और गजेन्द्र सिंह राणा के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई।
वार्ता के दौरान एक महीने में समस्याओं के निराकरण पर सहमति बनने के साथ ही समझौता पत्र तैयार किया गया। जिसके बाद प्रदर्शनकारी वापस लौटे। हालांकि उन्होंने ऐलान किया है कि 31 अगस्त तक हल नहीं निकला तो 1 सितंबर से उग्र आंदोलन की शुरूआत हो जाएगी।
मौके पर दशरथ सिंह, अनिल चौहान, जितेन्द्र चौहान, सुनील चौहान, गिरवर रावत, राकेश पुंडीर, हुकुम सिंह, सुर्जन सिंह, मीनम देवी, राजेन्द्र सिंह, राहुल, फोन सिंह पुंडीर, हरीश सिंह आदि मौजूद थे।
इस बिंदुओं पर बनी सहमति
त्रिपक्षीय वार्ता में क्षतिग्रस्त मकानों और रास्तों का स्थलीय निरीक्षण, फोन सिंह पुंडीर के मामले को हल करने, सूखे जलस्रोतों की जगह गांवों के लिए नई पेयजल योजना बनाने, स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने, व्यासी में 6 परिवारों को आरआर चैंज शिफ्टिंग और शिफ्टिंग चार्ज दिए जाने, काश्तकारों को तीन साल की फसलों का मुआवजा, अधिग्रहण भूमि का मुआवजा आदि 15 बिंदुओं पर समझौता पत्र तैयार किया गया।