उत्तराखंड

Uttarakhand: माननीयों के वेतन भत्तों में किसी सरकार ने नहीं की कंजूसी

राज्य गठन से अब तक के 21 वर्षों में 15 और 30 गुना बढ़े वेतन-भत्ते, RTI में हुआ खुलासा

देहरादून। उत्तराखंड राज्य गठन के 21 वर्षों के वक्फे में किसी भी सरकार ने माननीयों के वेतन भत्तों को बढ़ाने में कोई कंजूसी नहीं की। इस अंतराल में माननीयों के वेतन-भत्तों में जबरदस्त उछाल आया। विधायकों का वेतन 15 गुना हो गया, तो भत्ते भी 30 गुना तक बढ़ गए। RTI के तहत मिली जानकारी में यह खुलासा हुआ है।

सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन द्वारा आरटीआई के तहत उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय से विधायकों के वेतन भत्तों की दरों व उसमें संशोधन की जानकारी मांगी गई थी। जिसपर लोक सूचना अधिकारी व उपसचिव लेखा हेम चन्द्र ने यह सूचना उपलब्ध कराई है।

RTI में मिली जानकारी के मुताबिक राज्य गठन के समय मिलने वाले जनसेवा भत्ते ₹200 प्रतिदिन में दस गुना वृद्धि के साथ ₹2000 कर दिया गया है। वहीं, विधायकों के रेलवे कूपन और डीजल-पेट्रोल भत्ते ₹93 हजार प्रतिवर्ष थे। इसमें ₹60 हजार नकद प्राप्त किया जा सकता था। 01 अप्रैल 2004 से इसे 1 लाख 20 हजार कर दिया गया, जिसमें ₹96000 पेट्रोल-डीजल भत्ता नकद था। इसे पुनः बढ़ाकर 01 नवंबर 2005 से 1 लाख 50 हजार (जिसमें ₹1,20,000 पेट्रोल डीजल भत्ता नकद) कर दिया गया। इसे पुनः 01 मई 2008 से बढ़ाकर ₹2 लाख (जिसमें ₹1.80 लाख पेट्रोल डीजल भत्ता नकद) तथा 01 जनवरी 2014 से ₹3 लाख (जिसमें ₹2.70 लाख पेट्रोल डीजल भत्ता नकद) कर दिया गया है। इसे 01 अप्रैल 2017 से बढ़ाकर ₹3,55,000 रू0 कर दिया गया है जिसमें से ₹3,25000 पेट्रोल-डीजल भत्ते के रूप में नकद प्राप्त किया जा सकता है।

राज्य स्थापना के दिन 09 नवंबर 2000 को विधायकों का वेतन ₹2000 प्रतिमाह था, जो 01 अप्रैल 2017 से बढ़़कर 15 गुना ₹30 हजार प्रतिमाह हो गया। उत्तराखंड गठन के चौथे साल में 01 अप्रैल 2004 से इसे ₹3000, 9वें साल में 01 अप्रैल 2009 से ₹5000 और 01 जनवरी 2014 से ₹10 हजार किया गया था। जिसे 2017 मे बढ़ाकर ₹30 हजार कर दिया गया।

ऐसे ही निर्वाचन क्षेत्र भत्ते को ₹5000 से 30 गुना बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये किया गया। 09 नवंबर 2000 को यह भत्ता ₹5000 था, 01 अप्रैल 2014 से इसे ₹7500, 01 मई 2015 से ₹15 हजार, 01 अप्रैल 2009 से ₹30,000, 01 जनवरी 2014 से ₹60 हजार और 01 अप्रैल 2017 से बढ़ाकर ₹1.5 लाख कर दिया गया है।

RTI के अनुसार राज्य गठन के दिन तक विधायकों को चालक भत्ता नहीं मिलता था। 01 जनवरी 2014 से ₹3000 मिलना प्रारंभ हुआ। जिसे 01 अप्रैल 2017 से बढ़ाकर चौगुना ₹12000 कर दिया गया है। वहीं, ₹1000 के सचिवीय भत्ते को भी 12 गुना बढ़ाकर 01 अप्रैल 2017 से ₹12000 कर दिया गया है। 01 अप्रैल 2004 से इसे ₹2500, 01 नवंबर 2005 से ₹6000 तथा 01 अप्रैल 2017 से ₹12000 कर दिया गया।

बताया गया कि इन वर्षों में ₹1000 के चिकित्सीय भत्ते को 01 जनवरी 2014 से समाप्त कर दिया गया है। जबकि मकान किराये भत्ते में 01 नवंबर 2005 से कोई वृद्धि नहीं की गई।

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