गर्भवती महिला श्रमिकों को करें PMMVY पंजीकृतः CS
मुख्य सचिव उत्तराखंड ने की महिला एवं बाल विकास व श्रम विभाग की समीक्षा

देहरादून। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एसडीजी इंडेक्स 2023-24 के तहत महिला एवं बाल विकास व श्रम विभाग से संबंधित अपेक्षाकृत कम प्रदर्शन वाले इंडिकेटर्स की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने उक्त इंडिकेटर्स में सुधार के लिए महिला एवं बाल विकास व श्रम विभाग से सम्बन्धित योजनाओं के युक्तिकरण के निर्देश दिए।
बुधवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव ने महिला एवं बाल विकास विभाग को प्रदेशभर में 4 अक्टूबर से अगले 15 दिन तक अभियान चलाकर असंगठित क्षेत्रों, निर्माण स्थलों में कार्यरत गर्भवती महिला श्रमिकों, घरेलू सहायक का काम करने वाली और शहरी मलिन बस्तियों में निवासरत गर्भवती महिलाओं का प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) में पंजीकरण करवाने के निर्देश दिए।
सीएस ने निर्धारित समय सीमा के भीतर असंगठित क्षेत्र में कार्यरत विशेष रूप से कम आय वर्ग की सभी गर्भवती महिलाओं की पी.एम.एम.वी.वाई की शत प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने श्रम विभाग को कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने सचिव शहरी विकास को शहरी निकायों में कार्यरत कार्मिकों विशेषकर कम आय वर्ग वाले कर्मचारियों एवं सफाई कर्मचारियों को ईएसआई कवरेज सुनिश्चित करने के सम्बन्ध में तत्काल समीक्षा बैठक कर इस सम्बन्ध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने राज्य में मातृ मृत्यु दर, गर्भवती महिलाओं व किशोरियों में एनिमिया तथा बच्चों में कुपोषण की समस्या को कम करने हेतु सभी विभागों को समन्वित रणनीति से कार्य करने की भी हिदायत दी।
मुख्य सचिव ने महिला एवं बाल विकास विभाग को एएनएम द्वारा सभी गर्भवती महिलाओं के तीन एएनसी अनिवार्यतः करने तथा गर्भवती महिलाओं की प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु का अनिवार्य रूप से डेथ ऑडिट करने के निर्देश दिए। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में विशेषरूप से मलिन बस्तियों एवं निर्माण स्थलों के निकट आंगनबाड़ियों की मैपिंग के भी निर्देश दिए।
इसके साथ ही बैठक में मुख्य सचिव ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं को वितरित किए जाने वाले टेक होम राशन के तहत मिलेट्स को प्रोत्साहित करने की कार्ययोजना पर कार्य करने के भी निर्देश दिए। बैठक में अपर सचिव प्रशांत आर्य तथा महिला एवं बाल विकास व श्रम विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।