देहरादूनः भूकंप का मॉक ड्रिल, रेस्क्यू सिस्टम को परखा

देहरादून। आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखने के लिए जनपद में शनिवार सुबह बड़ा भूकंप मॉक ड्रिल आयोजित किया गया। सुबह 9:30 बजे काल्पनिक रूप से 6.3 तीव्रता के भूकंप की सूचना प्रसारित होते ही जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गईं। मॉक ड्रिल का उद्देश्य वास्तविक आपदा की स्थिति में राहत-बचाव तंत्र की क्षमता, संसाधनों और आपसी समन्वय की प्रभावशीलता का परीक्षण करना था।
थाने-चौकियों के इमरजेंसी सायरन बजाकर लोगों को सतर्क किया गया। जिलाधिकारी सविन बंसल ने आईआरएस प्रणाली को सक्रिय कर सभी नोडल अधिकारियों को तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने के निर्देश दिए। निर्देशानुसार मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह एनआईसी स्थित कंट्रोल रूम पहुंचे और पूरे ऑपरेशन की कमान संभाली। वहीं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी भी देहरादून के रेस्क्यू कार्यों की लाइव मॉनिटरिंग करते रहे।
जिले में सदर तहसील के छह प्रमुख स्थानों कोरोनेशन अस्पताल, महाराणा प्रताप स्टेडियम, आईएसबीटी, आराघर विद्युत उपकेंद्र, जल संस्थान दिलाराम चौक और पैसिफिक मॉल के अलावा कालसी, विकासनगर, सेलाकुई और ऋषिकेश क्षेत्रों में भी काल्पनिक क्षति की सूचनाएं प्रसारित की गईं। इसके बाद पुलिस लाइन रेसकोर्स एवं स्पोर्ट्स स्टेडियम से रेस्क्यू टीमें मौके पर भेजी गईं।
कोरोनेशन अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड को क्षतिग्रस्त दर्शाया गया, जहां 20 लोग मलबे में दबे दिखाए गए। टीमों ने 17 घायलों को सुरक्षित निकाला, जबकि तीन की मृत्यु दर्शाई गई। कालसी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में फंसे सभी 18 बच्चों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया।
एमडीडीए कॉलोनी में 100 लोगों के दबे होने की सूचना पर 60 घायलों को अस्पताल और 40 को प्राथमिक उपचार दिया गया। सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में क्लोरीन गैस रिसाव की स्थिति बनाई गई, जिसमें 100 से अधिक मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया। ऋषिकेश में टीएचडीसी क्षेत्र से घायलों को एम्स भेजा गया।
सीडीओ अभिनव शाह ने बताया कि मॉक ड्रिल सफल रही और इससे वास्तविक आपदा में राहत-बचाव कार्यों को और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रिल के दौरान मिली खामियों और आवश्यक संसाधनों की पूर्ति तत्काल सुनिश्चित की जाए।



