गढ़वाली ग़ज़ल
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गढ़वाली
सांसु कनु छौं (गढ़वाली गजल)
सांसु कनु छौ सच लिखणू छौ हरबि रिटणू छौं।क्वांसु पराण,छौं मिलनसार फिर बि रिटणू छौं।।घर-बौण, गौं-गौला छुटिन जै आराम का…
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गढ़वाली
लाठु खुज्याणी छै किलै (गढ़वाली ग़ज़ल)
लत्यों-लत्योंल् लत्याणी छै किलैआँखोंल् मुछ्यळा चुटाणी छै किलैदे छयो त्वैथई समळौण्या रुमालवैथै च्याँ गुज्यर चुटाणी छै किलैप्यार का बुज्यों मा…
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