
देहरादून। राजकीय इंटर कॉलेज बुरांसखंडा, रायपुर में विद्यालय विकास एवं छात्र कल्याण के उद्देश्य से समुदाय की सहभागिता विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई।
कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि समुदाय और विद्यालय के बीच विश्वास मजबूत करने में सामुदायिक सहभागिता का विशेष स्थान है। अनुभव किया गया कि बंद कमरों में शिक्षा-दीक्षा का कोई खास महत्व नहीं रह जाता। कोरोनाकाल में नौनिहालों के भविष्य के प्रति हर किसी ने प्रयास किए। ऑनलाइन शिक्षण और दूरदर्शन के जरिए बच्चों से जुड़ने में कुछ हद तक सफलता भी मिली। पर्वतीय क्षेत्रों में जरूर कनेक्टिविटी की दिक्कतों और अभिभावकों की माली आर्थिक स्थिति के कारण परेशानियां भी सामने आई। जिसके कारण अधिकांश बच्चे शिक्षण से वंचित भी रहे।
वक्ताओं ने कहा कि सामुदायिक सहभागिता से ऐसी मुश्किलों से पार पाया जा सकता है। पीटीए अध्यक्ष सुमेर सिंह भंडारी का कहना था कि अभिभावक अपने पाल्यों की अच्छी शिक्षा चाहते हैं। उसके लिए निश्चित ही प्रयास किए जाएंगे। कहा कि अभिभावकों, शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कार्मिकों सभी को बच्चों के भविष्य के प्रति समर्पित भावना से कार्य करना चाहिए।
कार्यशाला में एमटी सुमन हटवाल और फरसराम कोठारी ने बच्चों को मिलनी वाली सुविधाओं और अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी दी। विज्ञान शिक्षिका मेघा रावत पंवार के प्रयास से सीडी के प्रस्तुतिकरण द्वारा अभिभावकों से जानकारियां साझा की गई।
तीन चरणों में संचालित प्रशिक्षण में इंटर कॉलेज बुरांसखंडा के अलावा संकुल के दुर्गम विद्यालयों सिल्ला, छमरोली, फुलेत, भैंसवांनसैण, सिमयारी, क्यारा, खलौंच, चलचला, सुवाखोली, गढ़, नालिकला के शिक्षक और अभिभावक कार्यशाला में शामिल हुए।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य एन वी पन्त, जसवंत सिंह बंगारी, प्रवक्ता कृष्णकुमार राणा, कमलेश्वर भट्ट, राजेन्द्र सिंह रावत, रीना तोमर, नेहा बिष्ट, मनीषा शर्मा, संगीता जायसवाल, जीवी सिंह आदि ने परिचर्चा में प्रतिभाग किया। साथ ही ‘बालिका-बचाओ, बालिका-पढ़ाओ’ की शपथ ली।