ऋषिकेशः …गंगा में नहीं डाल पाएंगे कूड़ा करकट- (रिपोर्ट)
ऋषिकेश (राव राशिद)। उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने गंगा में ठोस कचरे को रोकने के लिए एक कारगर पहल की है। योजना के तहत यूजेवीएन ने गंगा के किनारों पर फेंसिंग का काम शुरू कर दिया है। जिससे कोई भी व्यक्ति कचरे को गंगा में प्रवाहित नहीं कर सकेगा। बताया कि फेंसिंग जनसुरक्षा के लिए भी कारगर साबित होगी।
बता दें कि केंद्र सरकार की बहुपयोगी नमामि गंगे परियोजना के चलते तीर्थनगरी ऋषिकेश शहर का दूषित पानी ट्रीटमेंट के बाद ही गंगा में प्रवाहित हो रहा है। इसके लिए संबंधित क्षेत्रों में पंपिंग स्टेशन और ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए गए हैं। जिनसे दूषित जल के गंगा में मिलने से रोकने में काफी हद तक कामयाबी मिली है। लेकिन गंगा किनारों से सटी आबादी क्षेत्र में ठोस कचरा अभी भी गंगा में प्रवाहित हो रहा।
इससे समस्या से निजात पाने के लिए केंद्रीय डैम सेफ्टी कमीशन (डीएससी) की टीम ने बैराज और आसपास के क्षेत्रों में निरीक्षण किया। जिसके बाद टीम ने उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएन) को ठोस कूड़े की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाने को कहा।
यूजेवीएन के अधिशासी अभियंता ललित कुमार ने बताया कि डैम सेफ्टी कमीशन की सिफारिश पर आबादी से सटे गंगा किनारे के करीब डेढ किमी. क्षेत्र में फेसिंग का 97 लाख का प्रस्ताव केंद्रीय जल आयोग को भेजा गया। मंजूरी के बाद अब निगम ने विश्व बैंक के वित्तीय सहयोग से फेंसिंग का कार्य शुरू कर दिया है।
उन्होंने बताया कि गंगा के किनारे पर फेंसिंग से जहां ठोस कचरा गंगा में प्रवाहित होने से रुक सकेगा, वहीं जनसुरक्षा में भी फेंसिंग कारगर साबित होगी।