
Tiranga Yatra for Justice for Ankita: ऋषिकेश। अंकिता हत्याकांड के मामले में सीबीआइ जांच की मांग को लेकर निकाली गई तिरंगा यात्रा को पुलिस ने बैराज सीमा पर रोक दिया। दोनों पक्षों के बीच तीखी झड़पें हुई। दो आंदोलनकारियों को हल्की चोट आई। पुलिस ने मौके से करीब 32 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया है। जिन्हें थाना लक्ष्मणझूला ले जाने के बाद निजी मुचलके पर रिहा किया गया।
गंगाभोगपुर स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट की महिलाकर्मी के गांव डोभ श्रीकोट श्रीनगर से बीते रोज बेटी को न्याय दिलाने और सीबीआई जांच करने की मांग को लेकर युवाओं द्वारा तिरंगा यात्रा शुरू की थी। मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे तिरंगा यात्रा जैसे ही जनपद देहरादून की सीमा ऋषिकेश को पार किया तो जनपद पौड़ी की सीमा चीला बैराज के पास बैरियर डालकर रोक दिया गया।
मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक पौड़ी शेखर सुयाल, पुलिस उपाधीक्षक श्रीनगर श्याम दत्त नौटियाल, प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण झूला विनोद गुसाईं भारी फोर्स के साथ या मौजूद रहे। आंदोलनकारियों का कहना था कि हम शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे हैं, हमें इस तरह रोक कर पहाड़ की बेटी को न्याय की राह में बाधा खड़ी की जा रही है। पुलिस के अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को काफी समझाने की कोशिश की मगर वह आगे जाने की जिद पर अड़े रहे।
प्रदर्शनकारियों में मौके से पुलिस ने पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत, एआईसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला, स्वराज्य सेवा दल उत्तराखंड के अध्यक्ष रमेश जोशी, युवा न्याय संघर्ष समिति के संयोजक दीपक जाटव और अरविंद हटवाल समेत 32 आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया गया। जिन्हें थाना लक्ष्मणझूला ले जाया गया। शाम को उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।