
देहरादून। हल्द्वानी में मूल निवास स्वाभिमान महारैली में उत्तराखंड 100 से अधिक संगठन राज्य में मूल निवास और सशक्त भू-कानून की मांग के लिए हुंकार भरेंगे। आज कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक में मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति की बैठक में तैयारियों पर चर्चा की गई।
संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने बताया कि हल्द्वानी में 28 जनवरी को सुबह 10 बजे आंदोलन से जुड़े लोग बुद्ध पार्क में एकत्र होंगे। यहां से महारैली शहर में निकाली जाएगी। बताया कि महारैली की सफलता के लिए सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के अलावा संस्कृतिकर्मियों से भी बात की जा रही है। बताया कि रैली के लिए सभी समर्थक संगठन सक्रियता से जुटे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि रैली में अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, उधमसिंहनगर से बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की सूचना है। दावा किया कि देहरादून की तरह ही हल्द्वानी की महारैली भी ऐतिहासिक रहेगी।
सह संयोजक लूशुन टोडरिया ने कहा है कि मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन उत्तराखण्ड आंदोलन की तर्ज पर आगे बढ़ रहा है। 24 जनवरी को भिकियासैंण के प्रदर्शन के बाद 28 जनवरी की हल्द्वानी की महारैली बता देगी कि यह आंदोलन उत्तराखंड के हर कोने में पहुंच चुका है।
र्बैठक में पहाड़ी स्वाभिमान सेना के संरक्षक आशुतोष नेगी, आंदोलनकारी मोहन रावत, जसवंत रावत, प्रेम सिंह नेगी, समिति के कोर मेंबर प्रांजल नौडियाल, वरिष्ठ आंदोलनकारी नवनीत गुसाईं, साया संगठन के संरक्षक आशीष बिष्ट, अध्यक्ष सचिन खन्ना, सेवानिवृत्त राजकीय पेंशनर संगठन के एमएस गुसाईं, अखिल भारतीय समानता मंच के प्रांतीय अध्यक्ष वीके धस्माना, कोषाध्यक्ष अतुल चंद्र रमोला, अखिल भारतीय समानता मंच से इंजीनियर विनोद प्रकाश नौटियाल, चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति से विशंभर दत्त बौंठियाल, हरीश पंत, पंकज उनियाल, 52 गढ़ परिषद से अश्वनी मंदोला, सुरेंद्र सिंह रावत, अनिल डोभाल, विजय सिंह राणा, विभोर जुयाल, अमित सिंह परमार, प्रेम सिंह नेगी, सत्येंद्र नौगाईं, मोहनसिंह रावत, अंबुज शर्मा, मनीष केड़ियाल, प्रशांत कांडपाल, दुर्गा ध्यानी, धर्मानंद आदि मौजूद थे।