
Gauchar Mela in Uttarakhand: गौचर (चमोली गढ़वाल)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को गौचर में 70वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम ने मेला मैदान को मिनी स्टेडियम के तौर पर विकसित करने के लिए 10 रुपये देने की घोषणा भी की। कहा कि गौचर मेला राज्य के विशिष्ट मेलों में से एक है।
गौचर पहुंचने पर मुख्यमंत्री धामी का बैंड की धुन और फूलमालाओं से जोरदार स्वागत किया गया। कहा कि गौचर मेला संस्कृति, बाजार और उद्योग तीनों के समन्वय के चलते प्रसिद्व राजकीय मेला है। इसमें सरकार के अधिकांश विभाग प्रतिभाग करते हैं। हमारे देश में और विशेष रूप से उत्तराखंड में अधिकतर मेले सांस्कृतिक मेल मिलाप का माध्यम रहे हैं, परंतु गोचर मेला विशेष है, क्योंकि संस्कृति की छठा बिखेरने के अलावा यह मेला यहां की जनता के व्यापारिक अवसरों को भी बढ़ाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य उत्तराखंड के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाना है और इसके लिए औद्योगिक विकास का महत्व सर्वाधिक है। इसके लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना आवश्यक है। हम रोड और रेल कनेक्टिविटी के अलावा ऊर्जा आदि क्षेत्रों में विशेष ध्यान दे रहे हैं।
सीएम ने कहा कि पर्यटन हमारे राज्य की लाइफ लाइन है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सहयोग द्वारा रोड कनेक्टिविटी एवं हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और हमारी आर्थिकी को भी लाभ मिलेगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकार रमेश गैरोला को गोविंद प्रसाद नौटियाल पत्रकार सम्मान और यूथ फाउंडेशन संचालित करने के लिए अनिल नेगी को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने देवेश जोशी द्वारा लिखी पुस्तक ‘धूम सिंह चौहान’ का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डौॅ. धन सिंह रावत, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, पूर्व विधायक मुन्नी देवी शाह, कर्णप्रयाग ब्लाक प्रमुख चन्द्रेश्वरी देवी, गौचर नगर पालिका अध्यक्ष अंजू बिष्ट, कमिश्नर गढवाल सुशील कुमार, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल, मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्रा आदि मौजूद थे।
मेले के पहले दिन की झलकियां
– गौचर मेले में पहले दिन रावल देवता की पूजा के बाद प्रातः स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली।
– मेलाध्यक्ष द्वारा झंडारोहण कर मार्चपास की सलामी ली गई।
– गौचर मेला मुख्य द्वार से चटवापीपल पुल तक एवं वापसी उसी रूट से मुख्य मेला द्वार तक क्रास कंट्री दौड़।
– खेल मैदान में दौड़, चित्रकला प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
– मेले में पारंपरिक पहाडी संस्कृति से सजा पंडाल आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
– क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल और मेला उपाध्यक्ष अंजू बिष्ट ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।