Uttarakhand Politics: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय (Kishor Upadhyay) के भाजपा में जाने के बाद भी उनकी और पूर्व सीएम हरीश रावत (Harish Rawat) के बीच शीतयुद्ध खत्म नहीं हो रहा है। सोशल मीडिया पर दोनों ही दिग्गज एक दूसरे पर वार करने से नहीं चूक रहे हैं। इस बार किशोर ने हरदा की एक पोस्ट पर पलटवार किया है। कहा कि स्वयं को राम घोषित करना आपको शोभा नहीं देता है। यह भी कि …आप तो वसंत कुंज के अपने दड़बे में अवसाद ग्रस्त बैठे थे।
बकौल किशोर उपाध्याय, अपने अत्यधिक प्रिय, अति सम्मानित जेष्ठ भ्राता हरीश चन्द्र सिंह रावत जी की एक पोस्ट देखी, जिसमें उन्होंने स्वयं को भगवान राम के रूप में चित्रित कर मुझ नाचीज को एक समय अपने हनुमान के रूप में उल्लेख किया है।
बड़े भाई! आप भगवान राम हो सकते हैं, मुझ जैसा साधारण गरीब हल्या का बेटा हनुमान नहीं हो सकता। हां, हनुमान जी की कृपा से मैंने, धीरेंद्र प्रताप, पूर्णसिंह डंगवाल और रणजीत रावत ने आपकी सारी राजनैतिक इच्छाएं अपना बलिदान देकर पूरी की हैं, जरा सा उसका ख़्याल रखिए, नहीं तो आप तो वसन्त कुंज के अपने दड़बे में अवसाद ग्रस्त बैठे थे।
कौन रावण है इस समय मतदाता ने आइना दिखा दिया है। वैसे भी हरीश में अलंकार की दिग्भ्रमिता के कारण स्वयं को राम घोषित करना, आप जैसे महान व्यक्ति को शोभा नहीं देता है और अगर आप भगवान राम हैं तो देवप्रयाग जाकर अपने पापों का मोचन अवश्य करियेगा।
वनाधिकार लेना समय की आवश्यकता है, आप जैसे महान जन प्रतिनिधियों की कृपा से अभी तक अरण्य और गिरिजन उससे वंचित रहे हैं। वनाधिकार आप-हम और हम जैसे लोगों के सुभाग्य की कुंजी है। मनन कीजियेगा।