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Exclusive: दीपावली पर्व का शुभ मुहूर्त, तिथि और महत्व

पर्व के पांच दिन तंत्र, मंत्र और यंत्र साधना के लिए शुभकारी संयोग

Deepawali festival : दीपावली का पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है। यह पांच पर्व अपने साथ सुख-समृद्धि, आरोग्यता, प्रेम और स्नेह को समेटे हुए हैं। धनतेरस से प्रारंभ होकर पावन पर्व नरक चतुर्दशी, दीपावली महापर्व, गोवर्धन पूजा से होते हुए भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले भाई दूज पर जाकर समाप्त होता है। आस्था और विश्वास के इन पांच दिनों में देवी-देवताओं के लिए अलग-अलग समय पर पूजा करके सुख-समृद्धि और संपन्नता का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।

ज्योतिषाचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल का कहना है कि इसवर्ष 2 से 6 नवंबर तक मनाए जाने वाला दीपावली पंच पर्व मंगलवार से प्रारंभ होकर शनिवार को समाप्त हो रहा है, जो कि तंत्र, मंत्र और यंत्र साधना के लिए शुभ योगकारी है।

पौराणिक संदर्भ और प्रमाणिकता
ज्योतिषाचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि इसकी पौराणिक इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है। रामायण को लेकर कई कहानियां हैं, जब भी दशहरा आता है तो उसके 20 दिन बाद दिवाली आती है। गूगल मैप पर लंका और अयोध्या की दूरी देखी जाती है तो यह 3150 किलोमीटर बताता है। इसमें वॉकिंग डिस्टेंस भी 20 दिन आता है। भगवान राम को वहां से अयोध्या आने में 20 दिन ही लगे थे। दीपावली का त्यौहार भगवार राम, सीता और लक्ष्मण के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है।

पंचोत्सव
जिस तरह से नवरात्रि पर नौ दिन दुर्गा माता के नौ स्वरुपों की आराधना की जाती है, उसी भांति दीवाली के अवसर पर पंचोत्सव मनाने की परंपरा है। किस दिन क्या पर्व होगा और उस दिन क्या छोटे-छोटे कार्य व उपाय करने चाहिए, उसका दैनिक विवरण को समझते हुए यदि इस त्यौहार को मनाया जाता है तो यह पूर्ण रूप से मनुष्य के भाग्य को बदलने की सामर्थ्य रखता है। इसकी शुरूआत धनतेरस से हो जाती है इसके बाद नरक चौदस अन्नकूट और भैय्या दूज का पर्व मनाया जाता है।

धनतेरस-02 नवंबर 2021
दीपावली के महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पावन पर्व 02 नवंबर 2021 को आ रहा हैं। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और आरोग्य का आशीर्वाद प्रदान करने वाले धनवंतरि की विशेष पूजा का विधान है। इस दिन को किसी भी प्रकार का सामान आदि खरीदने के लिए अत्यंत ही शुभ माना जाता है। इस दिन प्रदोषकाल में यमराज के लिए चौमुखा दीपक मुख्यद्वार पर जलाया जाता है।
इस साल कार्तिक अमावस्या कि तिथि 04 नवंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से शुरू हो कर 05 नवंबर को रात 02 बजकर 44 मिनट तक रहेगी।

धनतेरस 2021 तिथि और शुभ मुहूर्त
धनतेरस 2021- 02 नवंबर, मंगलवार
धनतेरस मुहूर्त – शाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर रात के 08 बजकर 11 मिनट तक
धनतेरस पर शुभ खरीदारी की अवधि :1 घंटे 52 मिनट तक
प्रदोष काल :17ः35 मिनट से 20ः11 मिनट तक
वृषभ काल :18ः18 मिनट से 20ः14ः मिनट तक

नरक चतुर्दशी- 03 नवंबर 2021
दीपावली महापर्व का यह दूसरा दिन होता है, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस साल 03 नवंबर 2021 को यह पर्व मनाया जाएगा। नरक से जड़े दोष से मुक्ति पाने के शाम के समय द्वार पर दिया जलाया जाता है। मान्यता यह भी है कि हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हुआ था, इसलिए उनके भक्त इस दिन विधि-विधान से उनकी जयंती मनाते हैं। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करके 16,100 कन्याओं को उसके चंगुल से मुक्त कराया था। इस पर्व को रूप चौदस भी कहते हैं। इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर उबटन लगाकर स्नान करने से रुप एवं सौंदर्य में वृद्धि होती है।

नरक चतुर्दशी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इसके कई और नामों से जाना जाता है। यथा, नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी आदि। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा होती है। घर के कोनों में दीपक जलाकर अकाल मृत्यु से मुक्ति की कामना की जाती है।

तेल मालिश संस्कार समय – सुबह 06ः06ः05 से 06ः34ः57 तक
अवधि :0 घंटे 28 मिनट

दीपावली 04 नवंबर 2021
महापर्व दीपावली इस साल 04 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा। इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी, ऋद्धि-सिद्धि के देवता गणपति, धन के देवता कुबेर के साथ महाकाली की पूजा का विधान है। सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए सभी देवी-देवताओं की रात्रि में साधना-आराधना की जाती है और उनके स्वागत में विशेष रूप से दीप जलाए जाते हैं।

दिवाली और लक्ष्मी पूजा तिथि– गुरुवार, 04 नवंबर 2021
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त : 18ः10ः28 से 20ः06ः18 तक
अवधि : 1 घंटे 55 मिनट
प्रदोष काल :17ः34ः09 से 20ः10ः27 तक
वृषभ काल : 18ः10ः28 से 20ः06ः18 तक

दिवाली महानिशीथ काल मुहूर्त 
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त : 23ः38ः52 से 24ः30ः58 तक
महानिशीथ काल : 23ः38ः52 से 24ः30ः58 तक
सिंह काल : 24ः42ः01 से 26ः59ः43 तक

दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातःकाल मुहूर्त्त (शुभ) :06ः34ः58 से 07ः57ः21 तक
प्रातःकाल मुहूर्त्त (चल, लाभ, अमृत)ः 10ः42ः09 से 14ः49ः21 तक
सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल)ः 16ः11ः45 से 20ः49ः32 तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ)ः 24ः04ः55 से 25ः42ः37 तक


गोवर्धन पूजा-05 नवंबर 2021
दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का पावन पर्व मनाया जाता है। इस साल यह गोवर्धन पूजा का पर्व 05 नवंबर 2021 को है। इसे अन्नकूट उत्सव भी कहते हैं। इस दिन घर की गाय और अन्य पशुओं के गोवर्धन की पूजा का बहुत महत्व है। इस दिन घरों एवं मंदिरों आदि में गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजे जाते हैं। हिदूं पंचांग के अनुसार गोवर्धन का त्योहार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर यह पर्व मनाया जाता है। इसी दिन भगवान कृष्ण को 56 भोग बनाकर लगाए जाते हैं।

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त –
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त : 06ः37 मिनट से 08ः4 9मिनट तक
अवधि : 2 घंटे 12मिनट
गोवर्धन पूजा का सायंकाल मुहूर्त :15ः 21 मिनट से 17ः33 मिनट तक
अवधि : 2 घंटे 11 मिनट

भाई दूज 06 नवंबर 2021
गोवर्धन पूजा के अगले दिन भैयादूज का पर्व मनाया जाता है। इस साल भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाने वाला यह पावन पर्व 06 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा। इस दिन यदि संभव हो तो यमुना में जाकर स्नान करना चाहिए। संभव न हो तो नहाने के पानी में यमुना का जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इस दिन बहनें अपने भाईयों को टीका करती हैं और भाई उसके बदले में उन्हें उपहार देता है।

भाई दूज पांच दिवसीय दीपावली पर्व का आखिरी दिन का त्योहार होता है। भाई दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की मनोकामनाएं मांगती हैं। इस त्योहार को भाई दूज या भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया कई नामों से जाना जाता है।

भाई दूज का मुहूर्त
भाई दूज तिलक का समय : दोपहर 01 बजकर 12 मिनट से लेकर 03 बजकर 24मिनट तक


      (डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल जाने माने ज्योतिषार्च हैं। अब तक उन्हें कई संस्थाओं से सम्मानित किया जा चुका है। )

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