
देहरादून (शिखर हिमालय)। राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर जिला सूचना कार्यालय में ‘मीडिया से कौन नहीं डरता?’ विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में पत्रकारों ने पत्रकारिता के व्यवसायीकरण, सोशल मीडिया में अप्रमाणिक खबरों का प्रसार, जनसरोकारों से हटने आदि पर अपनी चिंताएं जाहिर की। साथ ही चुनौतियों से निपटने के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत पर भी बल दिया।
मंगलवार को जिला सूचना अधिकारी प्रकाश सिंह भंडारी की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी आयोजित की गई। भंडारी ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए जनसरोकारों को पत्रकारिता के केंद्र में रखना जरूरी है। पत्रकारों को जनससमयाओं के निदान के लिए उन्हें ज्यादा स्पेस देने पर बल दिया।
वरिष्ठ पत्रकार वीडी शर्मा ने सोशल मीडिया के दुरपयोग के चलते पत्रकारिता गौण होकर रह गई है। लिहाजा, मीडिया को अप्रमाणिक खबरों और विषयों से बचना चाहिए। नरेश मिनोचा ने निर्भिक होकर पत्रकारिता की जरूरत बताई। कहा कि पत्रकारिता का व्यावसायिकरण होने और जनसरोकार के मुद्दो से भटकने के कारण पत्रकारिता अनावश्यक विषयों पर केंद्रि तो गई है।
सुधीर गोयल ने कहा कि मीडिया से डरने की जरूरत नहीं। फ्रन्टलाइन मीडिया को स्वतंत्र तौर पर सभी विषयों को उठाना चाहिए। विकास गर्ग ने कहा कि डरना-डराना शब्द का मीडिया में कोई स्थान नहीं है। सोशल मीडिया पर तथ्यहीन खबरों का प्रेंस कांउसिल ऑफ इण्डिया को संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।
इन्द्रदेव रतूड़ी ने कहा कि जनसरोकार के मुद्दे उठाना ही असली पत्रकारिता है। समाज को पीत पत्रकारिता ही डराती धमकाती है। इस माहौल को बदलना होगा। तिलकराज ने कहा कि पत्रकारों को निडर, निष्पक्ष काम करना चाहिए। संजय पाठक ने कहा कि सकारात्मक पत्रकारिता पर ध्यान देना जरूरी है।
गोष्ठी में मुकेश कुमार, ललित ओझा, मनमोहन बधानी, जिला सूचना अधिकारी वीरेन्द्र राणा, कनिष्ठ सहायक इन्द्रेश चन्द्र, प्रियंका, अंकिता, प्रतिभा, लक्ष्मी, पंकज आर्य आदि मौजूद थे।