
Meritorious Student Recognition : देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशभर से आए 10वीं और 12वीं परीक्षा में उत्तीर्ण 108 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ₹2.15 करोड़ की लागत से राज्य के 2871 स्कूलों को मिड डे मील योजना के लिए 02 गैस सिलिंडर और 01 चूल्हा उपलब्ध कराने की घोषणा भी की।
शनिवार को शिक्षा निदेशालय, ननूरखेड़ा में मेधावी छात्र सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेधावी विद्यार्थी भविष्य के कर्णधार हैं। जो आने वाले समय में विभिन्न क्षेत्रों में जाकर अपनी सर्वोच्च सेवाएं देंगे। ऐसे कार्यक्रम छात्रों को प्रोत्साहित करते हैं। कहा कि देश व राज्य का भविष्य हमारे युवाओं और विद्यार्थियों के हाथों में है। मेधावी विद्यार्थियों ने प्रतिभा से अपने परिजनों, विद्यालय, शिक्षकों एवं सरकार को भी गौरवांवित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों की सफलता के पीछे उनके परिजनों के साथ ही गांव, जिले, राज्य की भावनाएं और उम्मीदें जुड़ गई हैं। अब परिजनों के साथ ही अपने स्कूल, जिले और राज्य का नाम रोशन करना मेधावी विद्यार्थियों का कर्तव्य और संकल्प होना चाहिए। छात्र-छात्राओं की सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बननी चाहिए। कहा कि कई मेघावी विद्यार्थी ग्रामीण पृष्ठभूमि व विषम भौगोलिक परिस्थितियों से आते हैं। जो कि उनकी मेहनत और लगन का दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को राज्य में लागू किया गया है। देश का सामाजिक और आर्थिक विकास उसकी शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूली और उच्च शिक्षा को नए आयाम मिलेंगे। कौशल विकास से युवाओं को कार्यकुशल बनाया जाएगा। बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी। शोध और अनुसंधान को भी प्रोत्साहन मिलेगा और वैज्ञानिक सोच का विकास होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। राज्य सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है कि सभी विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा का अवसर मिले। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से छात्रों को उनके शैक्षिक और व्यक्तिगत विकास के लिए हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं को सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया है। स्कूल भवनों का पुनर्निर्माण, स्मार्ट क्लास रूम की स्थापना, कंप्यूटर लैब और विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण कर बच्चों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर देने का प्रयास किया है। साथ ही शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। छात्रों के लिए विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के संकल्प को पूर्ण करने हेतु प्रतिबद्ध है। सर्वश्रेष्ठ राज्य का सपना छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने से ही पूर्ण होगा। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी आदि भी मौजूद थे।