देहरादून

ऋषिकेश में 72 सीढ़ी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने निर्देश

ऋषिपर्णा सभागार में जिला गंगा समिति सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित

देहरादून। नमामि गंगे योजना के तहत जनपद में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा के लिए जिला गंगा सुरक्षा समिति की बैठक हुई।
जिलाधिकारी सोनिका के निर्देशों के अनुपालन में समिति के संयोजक प्रभागीय वनाधिकारी नातिश मणि त्रिपाठी और नोडल अधिकारी एवं जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल ने बैठक ली। बैठक में पूर्व में दिए गए निर्देशों के क्रम कार्यवाही पर चर्चा की गई।

ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित बैठक में नगर निगम ऋषिकेश के अधिकारियों को गंगा घाट की सफाई और 72 सीढ़ी क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए नियमित अभियान चलाने को जिलाधिकारी द्वारा दिए निर्देशों का परिपालन कराने को कहा गया। बताया कि ऋषिकेश क्षेत्र में ढालवाला ड्रेन से पशुलोक बैराज और पशुलोक बैराज से हरिपुरकला तक गंगा नदी के दाएं तट बाढ़ मैदान परिक्षेत्र का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

इस दौरान नगर निगम ऋषिकेश द्वारा अगवत कराया गया कि ऋषिकेश के 40 वार्डों में कूड़ा उठान कार्य किया जा रहा है। कम्पोस्ट पिट बनाने के लिए लक्ष्य 25 के सापेक्ष 25 पर कार्य पूर्ण किया गया है। इलैक्ट्रिक कम्पोस्ट लक्ष्य 05 के सापेक्ष 01 पर कार्य पूर्ण कर लिया गया। जिस पर शेष कार्यों में प्रगति बढाने क निर्देश दिए।

जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य विनोद जुगलान ने कहा कि अर्धनगरीय क्षेत्र में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए भूमि चयन के साथ ही उक्त स्थान को बाढ़ सुरक्षा की दृष्टिकोण से सुरक्षित किए जाने के लिए वीरभद्र वन बीट के अंतर्गत दो हेक्टेयर प्लान्टेशन के निकट सुरक्षा तटबन्ध की कार्य योजना बनाई जानी आवश्यक है। जिस पर पेयजल निगम (अनुरक्षण एवं निर्माण इकाई गंगा) सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए।

समिति के सदस्य ने ग्राम सभा खदरी में गंगातट स्थित सौंग नदी के संगम क्षेत्र में खाली पड़ी पंचायत की भूमि पर अतिक्रमण रोकने और उक्त भूमि को जनहितकारी योजनाओं के लिए संरक्षित करने का प्रस्ताव रखा। समिति नए सदस्य डॉ. दीपक तायल ने नगर क्षेत्र में सीवरेज प्रणाली को विकसित किए जाने की धीमी गति पर ध्यानाकृष्ट किया। एक अन्य सदस्य प्रतिभा सरन ने कहा कि संजय झील के निकट मुख्य मार्ग की पुलिया पर अवैधानिक रूप से धोबी घाट से गंगा की निर्मलता प्रभावित हो रही है।

वहीं, नामित सदस्य डॉ. राजे सिंह नेगी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में गंगाघाट विकसित किए जाने से स्थानीय लोगों को न केवल सुविधा मिलेगी, बल्कि पूजा घाट के संचालन से स्थानीयों को रोजगार के अवसर भी विकसित होंगें, जिस पर समिति द्वारा बिन्दुओं पर कार्यवाही की बात कही।

बैठक में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी डॉ. आरके चतुर्वेदी, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक खन्ना, अधिशाशी अभियंता सिंचाई विभाग दिनेश चंद्र उनियाल, सहायक अभियंता उत्तराखंड जल संस्थान हरीश बंसल, जिला गंगा सुरक्षा समिति के जिला परियोजना अधिकारी आरके पाण्डेय, गुरमीत सिंह एमआईएस एक्सपर्ट नगर निगम ऋषिकेश आदि मौजूद थे।

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