देहरादून। भाकपा (माले) के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी (Indresh Maikhuri) ने मुख्यमंत्री के जोशीमठ दौरे के दिन पार्टी की राज्य कमेटी के सदस्य अतुल सती के घर के बाहर पुलिस और इंटेलिजेंस का पहरा लगाने की तीखी निंदा की। मैखुरी ने चमोली प्रशासन के इस कदम को अलोकतांत्रिक और तानाशाही पूर्ण बताया। साथ ही सीएम से ऐसी दमनकारी प्रवृतियों पर रोक लगाने की मांग की।
माले नेता इंद्रेश मैखुरी ने जारी बयान में बताया कि 9 अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) जोशीमठ दौरे पर थे। उस दौरान चमोली जिला प्रशासन द्वारा जोशीमठ में कॉ. अतुल सती (Atul Sati) के घर के आगे पुलिस और इंटेलिजेंस का पहरा बिठाया गया।
मैखुरी ने कहा कि अतुल सती क्षेत्र में जनसरोकारों प्रमुख स्वर है। अच्छा होता कि सीएम क्षेत्रीय समस्याओं की जानकारी के लिए सती को खुद से बुलाते। इसकी बजाए पुलिस और प्रशासन ने उन्हें नजरबंद रखने का रास्ता चुना। ऐसा उनकी सहमति से हुआ या उनकी जानकारी के बगैर, सीएम को स्पष्ट करना चाहिए।
मैखुरी ने सीएम से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में अतुल सती को नहीं रखने की जिला प्रशासन की कथित शर्त पर भी डीएम से जवाब मांगा, कि ऐसी शर्त उनका आकलन था या फिर पूर्वाग्रह?
वहीं, जोशीमठ दौरे के दौरान सीएम द्वारा हेलंग की पीड़ित महिलाओं से न मिलने और घास प्रकरण पर कुछ न बोलने पर मैखुरी ने कहा कि इससे सिद्ध हो गया उत्तराखंड की महिलाओं की पीड़ा से सीएम का कोई सरोकार नहीं है।