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Covid-19 : तीसरी लहर से बच्चों की सुरक्षा चुनौती

देश में कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है। इनदिनों संक्रमितों के केस में वृद्धि आंकी गई है। बताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है। एक नए अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता प्रो. टेरेंस स्टीफेंसन के अनुसार बच्चों में सिरदर्द और थकान समस्या सबसे ज्यादा देख जा रही है।

भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद परिस्थितियों में तेजी से बदलाव आया है। वैक्सीनेशन के साथ ही कई चर्चाएं आम हैं। इस बीच बच्चों पर कोरोना की तीसरी लहर का ख़तरा मंडरा रहा है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) और पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के शोधकर्ताओं ने बच्चों पर कोरोना के लंबे समय तक पड़ने वाले प्रभाव को लेकर अध्ययन कर हैरान करने वाला खुलासा किया है। सामने आया है कि कोरोना से उबरने के बाद भी बच्चों पर कई महीने तक संक्रमण का गहरा प्रभाव रहेगा। कोरोना पॉजिटिव रहे बच्चों में से 14 फीसद में तीन या ज्यादा लक्षण पाए गए। जबकि सात फीसद में पांच या ज्यादा लक्षण मिले।

ब्रिटेन में किए गए इस अध्ययन में 11 से 17 वर्ष की उम्र के 3,065 बच्चों पर सर्वे किया गया। जो कि इस वर्ष जनवरी से मार्च के दौरान पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव मिले थे। इसी अवधि में निगेटिव पाए गए इसी उम्र के 3,739 बच्चों पर भी गौर किया। कोरोना टेस्ट के 15 हफ्ते बाद हुए सर्वे में कोविड पॉजिटिव और निगेटिव समूहों में लक्षणों के मामले में काफी अंतर पाया गया।

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