
Aiims Rishikesh : ऋषिकेश। एम्स यूराेलॉजी विभाग और टेलिमेडिसिन सोसाईटी ऑफ इंडिया उत्तराखंड स्टेट चैप्टर की ओर से आयोजित के अंग प्रत्यारोपण विषयक दो दिवसीय CME का औपचारिक आगाज हो गया। पहले दिन देशभर से जुटे विशेषज्ञों ने अंगदान संबंधी कानूनी ढांचे के सरलीकरण पर चर्चा की। साथ ही इस विषय पर अपने अनुभवों को भी साझा किया।
एम्स में शनिवार को सीएमई का टीएसआई की अध्यक्ष एवं सस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने औपचारिक शुभारंभ किया। कार्यशाला में मद्रास मेडिकल मिशन हॉस्पिटल चेन्नई के यूरोलॉजिस्ट व ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. सुनील श्रोफ, अहमदाबाद के वरिष्ठ ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. प्रांजल मोदी, एम्स दिल्ली के ट्रांसप्लांट सर्जन प्रोफेसर वीके बंसल, पल्लवी कुमार, संस्थान के यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. अंकुर मित्तल ने अंग प्रत्यारोपण विषय पर व्याख्यान दिए। विशेषज्ञों ने अंग प्रत्यारोपण को किसी व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिए अहम बताया। कहा कि इसके लिए कानूनी प्रक्रिया को सरल किया जाना चाहिए।
इस दौरान ट्रांसप्लांट विशेषज्ञों ने अंगों के प्रत्यारोपण के तकनीकि पहलुओं, प्रक्रिया में आने वाली कठिनाइयों की जानकारियां भी दी। सीएमई में टीएसआई के राष्ट्रीय सचिव डॉ. मुर्थि रेमिला, उत्तराखंड स्टेट चैप्टर की उपाध्यक्ष डा. शालिनी राजाराम, नोटो के निदेशक डॉ. अनिल कुमार, डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. कृष्ण कुमार, एम्स यूरोलॉजी विभाग के डॉ. एके मंडल, डॉ. विकास पवार, डॉ. पीयूष गुप्ता ने भी विचार रखे।
सीएमई के आयोजन में प्रो. सोमप्रकाश बासू, डॉ. संजय अग्रवाल डॉ. कमर आजम, डॉ. मीनाक्षी धर, डा. वाईएस पयाल, प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह, डॉ. रोहित गुप्ता, डॉ. रजनीश कुमार अरोड़ा, डॉ. रविकांत, डॉ. मधुर उनियाल, डॉ. मृत्युंजय कुमार, डॉ. गौरव जैन, डॉ. निर्झर राज, डॉ. नीति गुप्ता, डॉ. सरोन कंडारी, डॉ. देशराज सिंह सोलंकी, विनीत कुमार, डॉ. स्मृति अरोड़ा, मनीष शर्मा आदि ने सहयोग किया।