
Joshimath Sinking : जोशीमठ भू-धंसाव का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Swami Avimukteshwarananda Saraswati) ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की है। पीआईएल में उन्होंने राज्य सरकार से प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत और उनके पुनर्वास की मांग की है। पीआईएल की जानकारी उनके मीडिया प्रभारी डॉ. शैलेन्द्र योगी ने ने दी है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ऐतिहासिक, पौराणिक, सांस्कृतिक नगर जोशीमठ का अस्तित्व खतरे में है। एक वर्ष से भू धंसाव के संकेत मिल रहे थे। अब तक 500 से अधिक मकानों और स्थानों में दरारें आ चुकी हैं। कहा कि लंबे समय से चिंता व्यक्त की जा रही थी। मगर इसकी अनदेखी होती रही, जिसके दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। कहा कि सरकार को जमीन धंसने के सही कारणों को पता लगाना चाहिए।
शंकराचार्य ने कहा कि वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर जोशीमठ के हालातों की जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि उनके सभी कार्यक्रम स्थगित हो गए हैं। वह स्वयं प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने जोशीमठ जाएंगे।