Uttarakhand: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की नई सरकार का मुखिया कौन होगा, इस बात को लेकर कल शाम से ही चर्चाएं जोरों पर हैं। चहेते और प्रशंसक अपने-अपने हिसाब से सोशल मीडिया में नाम उछाल रहे हैं। मगर, तय पार्टी को ही करना है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की हार के बाद नया चेहरा चुना जाएगा या फिर उन्हें ही दोबारा कमान सौंपी जाएगी, इसपर मीडिया भी पार्टी पर नजरों के साथ ही कान लगाए हुए है।
ताजा जानकारी के मुताबिक भाजपा हाईकमान ने सीएम का चेहरा चुनने की जिम्मेदारी दो केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान को सौंप दी है। नेताद्वय बतौर पर्यवेक्षक उत्तराखंड आकर निर्वाचित विधायकों से रायशुमारी करेंगे। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर हाईकमान सीएम का चेहरा तय करेगा। बताया जा रहा है कि पर्यवेक्षकों को सीएम का चेहरा चुनने के लिए हाईकमान से खास दिशा निर्देश दिए गए हैं।
उधर, सियासी हलकों में माना जा रहा है कि पार्टी इसबार भी विधायक दल से ही सीएम चुनेगी। हालांकि चर्चाएं विधायक दल के अलावा भी कुछ नामों को लेकर जोरों पर है। मीडिया की खबरों के मुताबिक विधायक दल से अभी तक सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत का नाम शीर्ष पर है। जबकि गैर विधायकों में पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट का नाम आगे बताया जा रहा है।
दूसरी तरफ यह भी सुर्खियों में है कि एक धड़ा पुष्कर धामी को ही दोबारा सीएम बनाने के लिए दबाव तैयार कर रहा है। यहां तक कि चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने तो उनके लिए अपनी सीट छोड़ने तक की बात कही है। वहीं, डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला ने भी पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को बागडोर मिलने पर उनके लिए अपनी सीट छोड़ने का ऐलान किया है।
लिहाजा, भाजपा को बहुमत मिलने और सीएम पुष्कर सिंह धामी की हार के बाद अब सबकी नजर हाईकमान पर है कि वह किसका राजतिलक करती है। वह विधायकों में से होगा या फिर गैर विधायक फिलहाल चर्चाएं इसी बात के इर्दगिर्द घूम रही हैं।