देहरादून। उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से भारी बारिश के चलते पहाड़ से लेकर मैदान तक जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य में जगह-जगह भूस्खलन के कारण 659 सड़कों के बंद होने की खबर है। बारिश के कारण राहत और बचाव के काम भी प्रभावित हैं। जिसके कारण खासकर पहाड़ों में रसद और आवश्यक सामान भी नहीं पहुंच पा रहा है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के जनपद उत्तरकाशी और देहरादून में दो-दो, जिला चमोली में 7, पौड़ी गढ़वाल में 18, टिहरी गढ़वाल में 10, बागेश्वर, नैनीताल और चंपावत में तीन-तीन और सीमांत पिथौरागढ़ जिले में 17 सड़कें बंद हैं। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को जाने वाले रास्ते भी कई जगह पर बंद हैं।
यमुनोत्री हाईवे नैनबाग में मलबा आने तो विकासनगर-बड़कोट मार्ग यमुना पुल के पास अवरूद्ध हो गया है। फकोट में ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग का एक हिस्सा भूस्खलन से पूरी तरह से कट गया है। जिसके कारण टिहरी जिला प्रशासन ने नरेंद्रनगर से चंबा के बीच वाहनों की आवजाही पर रोक लगा दी है। वहीं, जिला प्रशासन ने तपोवन से मलेथा तक बदरीनाथ राजमार्ग को भी सामान्य स्थिति होने तक बंद रखने के आदेश जारी किए हैं।
राज्यभर में अत्यधिक बरसात से सड़कें टूटने के कारण पिछले कई दिनों से खासकर पहाड़ों में आवश्यक सामान फल, सब्जी, दूध, रसद आदि की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। बरसात के जारी रहने से मार्गों में संबंधित एजेंसियों को काम करने में भी मुश्किलें सामने आ रही हैं।
मौसम विभाग के अलर्ट के अनुसार अभी कुछ दिन बारिश का सिलसिला चल सकता है। सरकार ने सभी जनपदों की मशीनरी को एक्टिव मोड पर रहने को कहा है। राहत और बचाव कार्यों के लिए एसडीआएफ भी हर वक्त अलर्ट पर है।