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लोकपर्व छठः गंगा किनारे उमड़ा आस्था का सैलाब

हजारों व्रती महिलाओं ने दिया अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य

• सांस्कृतिक संघ्या में लोक कलाकारों ने बिखेरे पूर्वांचल के रंग
• सोमवार सुबह सूर्योदय पर महिलाएं अर्घ्य देकर करेंगी व्रत का परायण

Lok Parv Chhath 2022: लोकपर्व छठ के दिन अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट गंगातट पर पूर्वांचलवासियों का सैलाब उमड़ा पड़ा। व्रती सुहागन महिलाएं सपरिवार गंगातट पर रातभर जागरण कर उदित भास्कर को अर्घ्य देकर अपने व्रत का परायण करेंगे। छठ पर्व पर गंगा किनारे पूर्वांचल की लोक संस्कृति के कई रंग दिखे। हर उम्र के लोगों ने त्यौहार को उत्साह के साथ मनाया।


कोरोनाकाल के बाद इसवर्ष छठ पर्व पर अनुमान से भी अधिक श्रद्धालु गंगा तट पर उमड़े। छठी माई के गीतों को गाते हुए, बैंड बाजों के साथ फलों और पूजन सामग्री का डाला सिर पर रखकर श्रद्धालु त्रिवेणीघाट पहुंचे। शाम होते ही छठी माई के भक्तों ने विधिविधान से पूजन अर्चन के साथ अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को गंगाजल समेत पंचामृत से अर्ध्य देकर विदा किया।


आसपास के गंगातटों पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने विदा होते सूर्य को अर्ध्य दिया। श्रद्धालुओं ने निर्जला व्रत रखकर छठी माई से परिवार की सुख शांति और समृद्धि की कामना की। व्रती महिलाएं सोमवार सुबह सूर्य अर्ध्य के बाद ही 36 घंटे के अपने व्रत का परायण करेंगी।


आज रात्रि त्रिवेणीघाट पर छठ पर्व आयोजन समिति द्वारा आमंत्रित पूर्वांचल के नामी गायक गायिकाएं सांस्कृतिक संध्या में बिरहा मुकाबले साथ छइ माई के पारंपरिक गीतों की छटा बिखेरेंगे। यह जागरण रातभर जारी रहेगा। छठ पर्व के उल्लास के बीच पूर्वांचल की सांस्कृतिक परंपराओं के अनोखे रंग गंगा किनारे बिखरे। पारंपरिक वेशभूषा में सजी महिलाएं के चेहरे पर पर्व का अलग ही उल्लास दिखाई दिया।

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