
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने प्रदेश के युवाओं के हित में बड़ा फैसला लिया है। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की 21 सितंबर 2025 को आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा को कर दिया है। यह निर्णय आयोग की अंतरिम जांच रिपोर्ट एवं पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
आयोग सचिव डॉ. शिव कुमार बरनवाल द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि परीक्षा समाप्ति के बाद सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्रों के स्क्रीनशॉट वायरल होने की सूचना मिली थी। इस पर आयोग ने तुरंत एसएसपी देहरादून को जांच के निर्देश दिए, जिसके बाद थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज किया गया।
इसके बाद राज्य सरकार ने 27 सितंबर को सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। आयोग की अंतरिम रिपोर्ट का अध्ययन के बाद यह निर्णय लिया कि परीक्षा की “शुचिता, गोपनीयता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता” बनाए रखने के लिए परीक्षा को रद्द किया जाना आवश्यक है।
तीन माह बाद होगी पुनः परीक्षा
आयोग ने बताया कि 21 सितंबर की परीक्षा को निरस्त किया जाता है। परीक्षा को तीन माह बाद फिर से आयोजित करने का प्रस्ताव है। आयोग ने कहा कि यह कदम अभ्यर्थियों और आम जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि छात्रों के हित में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। कहा कि सरकार ने जांच आयोग की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया है। कहा कि फिर से आयोजित होने वाली परीक्षा का अन्य परीक्षाओं के कार्यक्रम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में प्रत्येक छात्र को निष्पक्ष अवसर और भरोसेमंद परीक्षा प्रणाली सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। यह भी बताया कि नकल प्रकरण की जांच सीबीआई से कराए जाने की संस्तुति की जा चुकी है, ताकि पूरे मामले की निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि सरकार भविष्य में किसी भी भर्ती परीक्षा में अनियमितता की कोई संभावना नहीं रहने देगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अभ्यर्थियों और अभिभावकों के विश्वास को बनाये रखने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
जांच आयोग ने सौंपी अंतरिम रिपोर्ट
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) यू.सी. ध्यानी की अध्यक्षता वाले एकल सदस्यीय जांच आयोग ने मुख्यमंत्री धामी को अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में आयोग ने अल्प अवधि में अधिक से अधिक जनसुनवाई कर अभ्यर्थियों एवं संबंधित पक्षों से सुझाव प्राप्त किए।