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सियासतः …तो कांग्रेस को भारी पड़ने लगे हैं हरीश-प्रीतम के झगड़े

Uttarakhand Congress: उत्तराखंड में कांग्रेस को हरीश रावत (Harish Rawat) और प्रीतम सिंह (Pritam Singh) का सियासी झगड़ा भारी पड़ने लगा है? इस सवाल का जवाब पार्टी छोड़ने वाले नेता सीधे तो नहीं लेकिन इशारों में दे रहे हैं। कुछ महीनों पहले पार्टी के उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट (Jot Singh Bisht) ने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी को ज्वाइन किया, तो आज पार्टी प्रवक्ता आरपी रतूड़ी (RP Raturi) और महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष कमलेश रमन (Kamlesh Raman) भी कूच कर गए। बिष्ट और रतूड़ी दोनों ने ही गुटबाजी को पार्टी छोड़ने की वजह बताई।

बता दें कि जोत सिंह बिष्ट और आरपी रतूड़ी दशकों तक कांग्रेस के सिपाही रहे। उनके साथ जमीनी कार्यकर्ताओं की मेहनत से कांग्रेस को उत्तराखंड में दो बार सत्ता भी मिली। लेकिन अब सत्ता उसके लिए दूर की कौड़ी होती जा रही है। सामान्य कार्यकर्ता से लेकर वरिष्ठ नेता तक पार्टी को छोड़ते चले जा रहे हैं। जिसके पीछे के कारणों में आला नेताओं के बीच का झगड़ों और पार्टी के भविष्य पर मंडराता संशय चर्चाओं में हैं।

सियासी जानकार बताते हैं, कि उत्तराखंड राज्य गठन के दिन से ही कांग्रेस गुटबाजी से ग्रस्त है। पहली निर्वाचित सरकार आई तो हरीश रावत के चिट्ठी बम सार्वजनिक होते रहे। एनडी तिवारी की विदाई के बाद पार्टी हरीश रावत, इंदिरा हृदयेश और प्रीतम सिंह के तीन ग्रुपों में बंटी दिखी। हृदयेश के अवसान के बाद दो ध्रुव अब भी बताए जाते हैं। इससे कांग्रेस मजबूत होने की बजाए लगातार खोखली ही हुई। 2017 के बाद 2022 का भी उसके हाथ से फिसलना इसी का नतीजा माना जाता है।

हाल के दिनों में कांग्रेस में 2016 के विद्रोह से लेकर चंपावत चुनाव तक आला नेताओं की भूमिका को लेकर सोशल मीडिया पर खासकर हरीश रावत और प्रीतम सिंह के बीच वार-पलटवार चले। तब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा की नसीहतें और निर्देश भी नाकाम दिखे। गुटबाजी सोशल मीडिया पर भले फिलहाल थमी दिख रही है, लेकिन बताया जा रहा है कि जमीन पर हश्र बुरा है। पार्टी छोड़ने वाले वरिष्ठ नेताओं में अभी कई नामों के और शामिल होने की चर्चाएं हैं।

कांग्रेस छोड़ने वाले पार्टी प्रवक्ता आरपी रतूड़ी का कहना है कि चंपावत चुनाव में दुर्गति के बाद भी बड़े नेता सोशल मीडिया पर रोज झगड़ते दिख रहे हैं, उससे कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं। इसलिए मैं आज आहत होकर कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से अपने को मुक्त करते हुए कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।

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