
देहरादून। गोवा में 56वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के अंतर्गत हुए IFFI वेव्स फिल्म बाजार-2025 में उत्तराखण्ड पवेलियन ने देश-विदेश के फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया। राज्य की फिल्म नीति, प्राकृतिक लोकेशनों और मिल रही सुविधाओं ने आगंतुकों को काफी प्रभावित किया।
उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखंड राज्य द्वारा फिल्म बाजार में सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया गया। पवेलियन में देश के साथ-साथ बंगाली, तमिल, मलयालम, गुजराती, मराठी आदि भाषाओं के फिल्म निर्माताओं ने राज्य की फिल्म नीति और शूटिंग की संभावनाओं के बारे में जानकारी ली और अपनी रुचि जाहिर की। कई विदेशी फिल्म निर्माताओं ने भी उत्तराखंड में शूटिंग करने की इच्छा व्यक्त की और राज्य सरकार के सहयोग की सराहना की।
डॉ. उपाध्याय ने बताया कि पवेलियन में वर्ष 2026 में प्रस्तावित राजजात यात्रा के बारे में भी फिल्म निर्माताओं को जानकारी दी गई, जिस पर कई विदेशी निर्माताओं ने वृत्तचित्र निर्माण में रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में बनी राज्य की फिल्म नीति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिल रही है।
ऑस्ट्रेलिया की फिल्म निर्माता सुवीन ग्राहम ने आगामी फरवरी माह में उत्तराखंड में शूटिंग स्थलों का अवलोकन करने की बात कही। इसके अलावा हांगकांग की फिल्म कला संस्था, फिनलैंड वेगा, रूस, किर्गिस्तान का राज्य सिनेमा केंद्र, जापान की जे्ट्रो संस्था, न्यूज़ीलैण्ड फिल्म आयोग और जीरो ग्रेविटी पिक्चर्स के प्रतिनिधियों ने भी राज्य की फिल्म नीति और सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी ली।
अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माता और बॉम्बे बर्लिन फिल्म प्रोडक्शन्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरफ़ी लांबा ने भी राज्य की फिल्म नीति की प्रशंसा की और कहा कि वे विदेशी निर्माताओं को उत्तराखंड में आने के लिए प्रेरित करेंगे।
भारत सरकार के सूचना मंत्रालय के फ़िल्म निदेशक राजेश कुमार शर्मा एवं उनकी टीम ने भी उत्तराखंड पवेलियन का भ्रमण किया और राज्य सरकार की फिल्म नीति की सराहना की।



