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उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव ज्यों-ज्यों करीब आ रहा है, सियासत अपने नए-नए रुप अख्तियार करती दिख रही है। आज पूर्व सीएम हरीश रावत की पोस्ट के बाद कांग्रेस के भीतर हड़कंप जैसे हालात बने हुए हैं। हाइकमान तक तमाम मामले के पहुंचने की भी खबर है। इसीबीच शाम को ही उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) के नेताओं की हरदा से मुलाकात के राजनीतिक हलकों मे मायने निकाले जा रहे हैं।
बता दें कि पूर्व सीएम हरीश रावत ने फेसबुक पर आज एक पोस्ट के जरिए इशारों में कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद यादव की भूमिका पर सवाल उठाए। लगे हाथों उनके सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में यादव के बीजेपी के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया और हाइकमान से भी इस मामले का संज्ञान लेने की बात कही। तो कांग्रेस के भीतर का खटराग खुलकर सामने आ गया।
सियासी जानकार मानते हैं कि कांग्रेस के भीतर का यह घटनाक्रम उसे चुनाव में नुकसान भी पहुंचा सकता है। हालांकि हरदा द्वारा अपनी पीड़ा को जगजाहिर करने के और भी मायने हो सकते हैं। जिस पर आगे कोहरा साफ हो सकता है। लेकिन आज के घटनाक्रम से सब भौंचक तो हैं ही। फिलहाल किसी और कांग्रेस लीडर ने इस मामले पर कुछ नहीं कहा है।
शाम के वक्त अचानक यूकेडी के अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी और पूर्व विधायक पुष्पोश त्रिपाठी का कुछ साथियों के साथ हरदा से उनके आवास पर मिलना, जरूर सियासत के नए रंगों की तरफ भी इशारा हो सकता है। सवाल निकल रहे हैं कि क्या यूकेडी हरीश रावत से कुछ मसलों पर प्री इलेक्शन ही बात कर लेना चाहती है? या भाजपा को चित्त करने के लिए दोनों के बीच कोई राजनीति समझौता जैसा कुछ हो सकता है?
खैर, इन कयासों से इतर फिलहाल पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपनी इंटरनेट पोस्ट में यूकेडी नेताओं से इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट ही बताया है।