उत्तराखंड

सीमांत क्षेत्र बफर जोन नहीं हमारी मुख्यधारा का हिस्साः राजनाथ

• रक्षामंत्री ने बीआरओ के पुलों और सड़कों का किया लोकार्पण

• 07 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 670 करोड़ की लागत से बने हैं पुल व सड़कें
• उत्तराखंड आगमन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया रक्षामंत्री का स्वागत

जोशीमठ। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सीमांत क्षेत्र जोशीमठ ढाक से बीआरओ की बनाई 35 इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को देश को समर्पित किया। इसमें सात राज्यों की 06 सड़कें और 29 ब्रिज शामिल है। बीआरओ ने 670 करोड़ की लागत से इन परियोजनाअें को पूरा किया है। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत भी मौजूद रहे।

रक्षामंत्री ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया, उनमें उत्तराखंड में 03 ब्रिज, जम्मू-कश्मीर में 01 सड़क व 10 ब्रिज, लद्वाख में 03 सड़के व 6 ब्रिज, हिमांचल प्रदेश में 01 ब्रिज, सिक्किम में 02 सडकें, अरूणाचल प्रदेश में 08 ब्रिज और मिजोरम में 01 ब्रिज शामिल है। उत्तराखंड में भारत चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशमठ-मलारी मार्ग पर ढाक ब्रिज व भापकुंड ब्रिज और सुमना-रिमखिम मोटर मार्ग पर रिमखिम गाढ ब्रिज को शिवालिक परियोजना द्वारा 33.24 करोड़ लागत से बनाए गए है। जिससे सीमांत क्षेत्रों में आवागमन सुगम हो गया है।

इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। इसमें हमें सबका सहयोग मिल रहा है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की सराहना करते हुए कहा कि किसी परियोजना को समय पर पूरा करना संगठन की प्रतिबद्वता के कारण संभव हुआ है। उन्होंने पर्यावरण के अनुकूल अधिकतम राष्ट्रीय सुरक्षा और कल्याण के मंत्र के साथ काम करने का आह्वान भी किया।

रक्षामंत्री ने कहा कि सीमा सड़क संगठन सड़क, पुल आदि का निर्माण करके, संगठन दूर-दराज के इलाकों को भौगोलिक दृष्टि से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ रहा है, साथ ही दूरदराज के गांवों में रहने वाले लोगों के दिलों को बाकी नागरिकों के साथ भी जोड़ रहा है।

रक्षामंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों को मुख्यधारा का हिस्सा मानती है न कि बफर जोन। एक समय था जब सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था। सरकारें इस मानसिकता के साथ काम करती थीं कि मैदानी इलाकों में रहने वाले लोग ही मुख्यधारा के लोग हैं। उन्हें चिंता थी कि सीमा पर घटनाक्रम का इस्तेमाल दुश्मन द्वारा किया जा सकता है। इसी संकीर्ण मानसिकता के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों तक विकास कभी नहीं पहुंच सका। ये सोच आज बदल गई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन सिर्फ मौसम संबंधी घटना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर मुद्दा है। रक्षा मंत्रालय इसे बहुत गंभीरता से ले रहा है। मंत्रालय इस संबंध में मित्र देशों से सहयोग मांगेगा। इस दौरान राजनाथ सिंह ने सिलक्यारा टनल ऑपरेशन में बीआरओ के योगदान का विशेष उल्लेख किया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार संगठन से जुड़े लोगों की मेहनत को मान्यता देती है। हमने सशस्त्र बलों के बराबर बीआरओ के स्थायी नागरिक कर्मियों के लिए जोखिम और कठिनाई भत्ता सुनिश्चित किया है। कैजुअल मजदूरों का अनुग्रह मुआवजा दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। हाल ही में मैंने हमारे सीपीएल के लिए 10 लाख रुपये के बीमा के प्रावधान को मंजूरी दी है। ये कदम हमारे सशस्त्र बलों के कर्मियों, नागरिक कर्मचारियों और बीआरओ में सीपीएल के मनोबल को बढ़ाने में मदद करेंगे। इसबीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ढाक में बीआरओ जवानों से मिलकर उनका मनोबल बढ़ाया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षामंत्री का सीमांत क्षेत्रों की विकास परियोजनाओं के लोकार्पण पर आभार व्यक्त किया। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य के सामरिक, धार्मिक व पर्यावरणीय महत्व को समझते हुए बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया है। चारधाम ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेलवे लाइन, सीमांत क्षेत्र विकास परियोजना व पर्वतमाला जैसी योजनाएं विकास के साथ-साथ सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य में तेजी से विकास कार्यो को आगे बढाने का काम किया जा रहा है। उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ पूरे मनोरथ से काम कर रही है।

मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, डीएम हिमांशु खुराना, एसपी रेखा यादव, बीआरओ से लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन आदि मौजूद थे।

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