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Uttarakhand Politics: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Ex CM Harish Rawat) 2022 में सत्ता में आने को लेकर आश्वस्त थे। लेकिन दोबारा की हार ने उत्तराखंड के विकास को लेकर उनके सपनों को पंख लगने से पहले ही काट दिया। बावजूद इसके उनमें राज्य के हित में अपने अनुभवों का प्रतिदान करने की इच्छा अभी भी है। ताजा इंटरनेट पोस्ट में उन्होंने ‘एक्स चीफ मिनिस्टर क्लब’ (Ex Chief Minister Club) का एक रास्ता भी निकाला है। बशर्तें की बाकी Ex CM भी मान जाएं!
बकौल हरीश रावत, राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री बढ़ते जा रहे हैं। ये तो पुष्कर सिंह धामी हमारे क्लब में आते-आते बचे। भाजपा ने साहसपूर्ण निर्णय लिया। विधानसभा का चुनाव जो समझदार हैं वो लड़ नहीं रहे हैं, जो हम जैसे लोग हैं, वो लड़ रहे हैं तो हार जा रहे हैं।
वह कहते हैं कि राज्य हम पर खर्च भी कर रहा है। राज्य ने जो अनुभव हमको दिया, उस अनुभव का कुछ प्रभावी प्रतिदान देने की स्थिति में अपने को नहीं बना पा रहे हैं। मेरा हश्र देखने के बाद शायद ही कोई मुख्यमंत्री रहा व्यक्ति फिर से चुनाव लड़ने की हिम्मत करेगा! तो कैसे राज्य के पास उपलब्ध इन अनुभवों का उपयोग किया जा सके, यह एक बड़ा सवाल है।
मैं अपने कुछ एक्स साथियों से बात करूंगा, क्यों नहीं हम लोग एक अनौपचारिक एक्स चीफ मिनिस्टर क्लब जैसा बना लें, जिसमें हर महीने कहीं बैठकर के राज्य के सामने जो समसामयिक चुनौतियां हैं, उस पर आपस में बातचीत करें और कोई सुझाव हमारा निकल आए तो उस सुझाव को सार्वजनिक करें।
देखते हैं, सारे ‘एक्स’ तो भाजपा के पास हैं, यदि वो हिम्मत करें। मैं इस प्रस्ताव को सार्वजनिक भी कर रहा हूं और व्यक्तिगत तौर पर भी उनसे बातचीत करके प्रस्ताव को विधिवत रखूंगा।