Big Breaking: चारधाम यात्रा में निर्धारित संख्या से हटी रोक
हाईकोर्ट ने कोविड गाइडलाइन के अनुपालन की शर्त रखी यथावत, लोगों में खुशी की लहर
हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या से रोक हटा दी है। हालांकि कोर्ट ने सरकार से कोविड गाइडलाइन के अनुपालन की शर्त यथावत रखी है। रोक हटने की जानकारी के बाद हरिद्वार से लेकर चारोंधामों में लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। रुद्रप्रयाग में लोगों ने हाईकोर्ट के इस फैसले का ढोल दमाऊ के साथ स्वागत किया है।
मंगलवार को चीफ जस्टिस आरएस चौहान और जस्टिस अलोक वर्मा की खंडपीठ ने चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। सरकार की ओर से हाईकोर्ट में महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने पक्ष रखा। कहा गया कि कोर्ट द्वारा पूर्व में कोविड के दृष्टिगत श्रद्धालुओं की संख्या को निर्धारित किया गया था। लेकिन वर्तमान में प्रदेश में कोरोना का प्रभाव लगभग नगण्य है। लिहाजा, श्रद्धालुओं की संख्या के आदेश को संशोधित किया जाए।
याचिका में यह भी कहा गया कि चारधाम यात्राकाल में अब 40 दिन से भी कम समय शेष है। इसलिए चारधाम आने वाले सभी श्रद्धालुओं को दर्शनों की अनुमति दी जाए। याचिका स्थानीय लोगों की आजीविका पर संकट का जिक्र भी किया गया। साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या को तीन से चार हजार प्रतिदिन करने का आग्रह कोर्ट से किया गया।
नैनीताल हाईकोर्ट में दो सदस्यीय खंडपीठ ने कोविड गाइडलाइन के अनुपालन की शर्त को यथावत रखते हुए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या से रोक हटाने का निर्णय सुनाया है।
उधर, इस खबर के फैलते ही हरिद्वार, ऋषिकेश, चारधाम यात्रा के पड़ावों और चारों तीर्थों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में खुशी की लहर दौड़ गई है। लोगों ने कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया है।
बता दें, कि ई-पास की व्यवस्था को लेकर स्थानीय लोग नाराज थे। बदरीनाथ में एक तीर्थ पुरोहित द्वारा आत्मदाह की चेतावनी तक दी गई थी। जबकि गांधी जयंती के दिन बदरीनाथ धाम में होटल, लॉज, धर्मशालाओं समेत व्यापारिक प्रतिष्ठानों को विरोध में बंद रखा गया था। भारी जनदबाव के बाद आखिरकार सरकार को हाईकोर्ट जाना पड़ा।