पर्यटन बना उत्तराखंड राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ः महाराज

देहरादून। उत्तराखंड की रजत जयंती पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य की 25 वर्षों की विकास यात्रा में पर्यटन विभाग की भूमिका अहम रही है। राज्य सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया है। नई पर्यटन नीति 2023-30 लागू होने के बाद 1200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर निजी निवेशकों ने काम शुरू कर दिया है।
महाराज ने बताया कि वर्ष 2000 में राज्य में 110.79 लाख देशी और 56,766 विदेशी पर्यटक आए थे, जबकि वर्ष 2024 तक यह आंकड़ा 593.74 लाख देशी और 1.77 लाख विदेशी पर्यटकों तक पहुंच गया है। चारधाम व हेमकुंड यात्राओं पर जहां 2000 में मात्र 16 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे, वहीं 2025 में यह संख्या 59 लाख तक पहुंच चुकी है।
केदारनाथ-बदरीनाथ में हो रहा है अभूतपूर्व विकास
पर्यटन मंत्री ने कहा कि 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने 225 करोड़ रुपये के पुनर्निर्माण कार्य करवाए हैं, जबकि 191 करोड़ के कार्य अभी जारी हैं। बदरीनाथ धाम को स्मार्ट स्पिरिचुअल हिल टाउन के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस दिशा में 273 करोड़ रुपये के सीएसआर फंड से कार्य प्रगति पर हैं।
स्वरोजगार योजनाओं से युवाओं को मिला बल
सतपाल महाराज ने बताया कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत पर्यटन व्यवसाय के लिए 33 लाख रुपये तक की अनुदान सहायता दी जा रही है, जबकि दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास विकास योजना में 15 लाख रुपये तक का अनुदान उपलब्ध है। इस योजना से अब तक 1118 लोग लाभान्वित हो चुके हैं। कहा कि शीतकालीन यात्रा और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। आदि कैलाश यात्रा को सरल और व्यवस्थित बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है।
कौशल विकास से 8 हजार युवाओं को रोजगार
महाराज ने कहा कि राज्य के युवाओं को अतिथि सत्कार, टूर गाइड, टूर मैनेजर, एस्ट्रो गाइड और स्ट्रीट फूड वेंडर जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित कर अब तक 8,000 से अधिक युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया है।
धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन सर्किटों की स्थापना
राज्य में पर्यटन सर्किटों की स्थापना एक महत्वपूर्ण पहल है। सरकार ने शक्त, शैव, वैष्णव, विवेकानंद, गोल्ज्यू, गुरुद्वारा, नवग्रह, नागराजा, हनुमान और महासू देवता सर्किटों की स्थापना की है। इसके अलावा मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं के 16 प्राचीन मंदिरों को पर्यटन सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है, और अब सरकार केदारखंड मंदिर माला मिशन को भी धरातल पर उतारने की दिशा में कार्य कर रही है।
रोपवे और वाइब्रेंट विलेज से बढ़ेगा आकर्षण
महाराज ने बताया कि देहरादून-मसूरी, गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब और सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे के निर्माण कार्य गतिमान हैं।
देहरादून जिले के हनोल गांव में महासू देवता मंदिर के लिए 120 करोड़ रुपये की लागत से मास्टर प्लान तैयार किया गया है।
चमोली के माणा गांव और उत्तरकाशी के जादुंग गांव को वाइब्रेंट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है, जबकि टिम्मर सैंण महादेव को अमरनाथ की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है।
नई पर्यटन परियोजनाओं से सजेगा उत्तराखंड
महाराज ने बताया कि गर्तांग गली को 59 वर्षों बाद पुनर्निर्माण के बाद पर्यटकों के लिए खोला गया है। ऋषिकेश के गुलर में “द बिग ब्रिज होटल” के निर्माण से पर्यटन सुविधाओं को नया आयाम मिलेगा। चारधाम मार्ग के पुराने पुलों को रेस्टोरेंट, पार्किंग और शौचालय जैसी सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। पहले चरण में टिहरी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के तीन पुलों पर कार्य शुरू किया गया है। कहा कि अगले पांच वर्षों में राज्य की जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें पर्यटन क्षेत्र की अहम भूमिका होगी।



