A poem on Indresh Maikhuri
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उत्तराखंड
एक पूर्व सैनिक ने लिखी ‘इंद्रेश मैखुरी’ के संघर्षों पर ये कविता
देखता रहा हूं क्षितिज पर उसका संघर्ष और सुनता रहा हूं उसकी आवाज दो दशक बाद इंच भर भी डिगा…
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देखता रहा हूं क्षितिज पर उसका संघर्ष और सुनता रहा हूं उसकी आवाज दो दशक बाद इंच भर भी डिगा…
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