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Uttarakhand: कांग्रेस में सियासी ‘पतझड़’, भंडारी ने भी छोड़ी पार्टी

Lok Sabha Chunav 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 उत्तराखंड कांग्रेस के लिए मानो सियासी ‘पतझड़’ लेकर आया है। पिछले तीन दिनों में कांग्रेस से पूर्व और वर्तमान विधायकों के साथ कई कदावर नेता पार्टी को छोड़कर बीजेपी के खेमें दाखिल हो चुके हैं। आज बदरीनाथ के विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी ने भी दिल्ली में बीजेपी का दामन थाम लिया है।

नई दिल्ली में कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी को सीएम पुष्कर सिंह धामी, मंत्री पीयूष गोयल, उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम और पौड़ी से भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। सीएम धामी ने भंडारी को सुलझा हुआ नेता बताया। कहा कि उनके बीजेपी में आने से पार्टी को लोकसभा चुनाव में मजबूती मिलेगी।

कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व से प्रभावित हैं। मैं उनके कामों से काफी खुश हूं, इसलिए बीजेपी में शामिल हुआ हूं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री का धन्यवाद जताते हुए भंडारी ने पार्टी के मेहनत करने का विश्वास दिलाया।

बता दें कि राजेंद्र भंडारी सबसे पहले 2007 में नंदप्रयाग विधानसभा से निर्दलीय विधायक बने थे। जिसके बाद वह खंडूड़ी सरकार में खेल मंत्री रहे। 2012 और 2022 के विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर बदरीनाथ सीट से जीते। 2017 में वह महेंद्र भट्ट से चुनाव हारे थे। इससे पहले वह चमोली के जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में उनकी पत्नी रजनी भंडारी चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।

इन्होंने भी छोड़ी कांग्रेस
कांग्रेस का दामन छोड़ने वालों में गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण, पुरोला के पूर्व विधायक मालचंद ने एक दिन पहले ही बीजेपी ज्वाइन की। जबकि पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्र वधू अनुकृति गुसाईं ने भी एक दिन पहले ही कांग्रेस से किनारा किया है। इससे पहले पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। इससे पूर्व कोटद्वार के पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत भी बीजेपी में वापस लौटे। वहीं पौड़ी के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केसर सिंह बिष्ट, कोट ब्लॉक के पूर्व प्रमुख नवल किशोर, पौड़ी के ब्लॉक प्रमुख दीपक कुकसाल और टिहरी में विधानसभा प्रत्याशी रहे धन सिंह नेगी ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। चर्चा तो यह भी है कि आने वाले दिनों में गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक कई दिग्गज नेताओं के भी पाला बदल सकते हैं।

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