Uttarakhand: प्रो-एक्टिव अप्रोच से कम होगा आपदाओं का असर: CM
आपदा प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग विषय पर दो दिनी सम्मेलन शुरू

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालयी राज्य आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। आपदाओं से निपटने के लिए जरूरी है कि हम प्रो-एक्टिव अप्रोच के साथ आगे बढ़ें। इससे ही आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री धामी ने यह बात मंगलवार को मालसी स्थित एक होटल में ‘आपदा प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग’ विषय पर शुरू दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान कही। कहा कि आपाओं के साथ भूकंप उत्तराखंड के लिए बड़ा खतरा है। इसकी पूर्व चेतावनी के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि निश्चित ही सम्मेलन में इन विषयों पर गहन चिंतन होगा। केदारनाथ आपदा के बाद आई अन्य आपदाओं से आपदा प्रबंधन विभाग अपने अनुभवों और संबंधित संस्थाओं के सहयोग सेऐसी प्रणाली विकसित करने में सफल होगा, जिससे हम भविष्य में उत्तराखंड के साथ अन्य राज्यों की भी मदद करने में सफल हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में बरसात के अलावा भी आपदाएं हर मौसम में सामने आई हैं। ऐसे में राज्य को विशेष तैयारी की आवश्यकता है। इसमें जागरूकता और पूर्व चेतावनी से नुकसान को कम कर सकती हैं। कहा कि कार्यशाला में जो भी निष्कर्ष आएंगे, वह सिर्फ थ्योरी के स्तर पर नहीं बल्कि प्रैक्टिकली भी आत्मसात् करने योग्य होंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी सविन बंसल, अपर सचिव आनन्द श्रीवास्तव समेत आपदा प्रबंधन से संबंधित विषय विशेषज्ञ मौजूद थे।