उत्तराखंड

Exclusive: ..तो अब ‘नजरबंद’ नहीं रहेंगे ‘डाडामंडल’ के लोग!

चुनावी साल में बीन नदी पर RCC Bridge को मिली मंजूरी, Tender प्रक्रिया शुरू

Shikhar Himalaya Special। विधानसभा चुनाव की वैतरणी पार लगाने के लिए ही सही आखिकार सूबे की सरकार को यमकेश्वर प्रखंड में बीन नदी पर पुल बनाने की याद आ ही गई। नदी में RCC Bridge के निर्माण के लिए 12वां वृत्त, लोक निर्माण विभाग पौड़ी द्वारा बाकायदा A और A+ श्रेणी के सेतु निर्माण के लिए टेंडर आमंत्रित कर दिया हैं। हालांकि यह आने वाला वक्त ही बताएगा कि सरकार की यह प्रक्रिया महज चुनावी साबित होती है या फिर डाडामंडल क्षेत्र के दर्जनों गांवों को बरसात के दिनों में नजरबंद जैसी दुश्वारियों से निजात दिलाने के काम भी आती है।

बता दें कि बैराज ऋषिकेश-चीला हरिद्वार मोटर मार्ग पर ऋषिकेश से करीब 10 KM. की दूरी पर गंगाभोगपुर गांव के समीप बीन नदी है। जो कि हरसाल बरसात के दिनों में लगभग 4 महीने उफान पर रहती है। उक्त मार्ग यमकेश्वर प्रखंड के डाडामंडल के लगभग 52 से अधिक गांवों को ऋषिकेश से जोड़ने वाला एकमात्र संपर्क मार्ग है। लिहाजा बारिश के दिनों में नदी के उफान पर होने के कारण स्थानीय लोगों को आवागमन में मुसीबतों से दो चार होना पड़ता है। ऐसे वक्त क्षेत्र के किमसार, तल्ला बणास, मल्ला बणास, रामजीवाला, गंगाभोगपुर मल्ला, गंगाभोगपुर तल्ला, डेबराणा के अलावा तालघाटी के बिदासनी आदि के ग्रामीणों को अपने घरों में नजरबंद जैसे हालातों में रहना पड़ता है।

बरसात के दिनों में अत्यधिक जरुरी कार्यों या किसी व्यक्ति के बीमार पड़ने पर उसे अस्पताल तक पहुंचाने के लिए लोगों को जान जोखिम में डालकर उफनती नदी को पार करना पड़ता है। ऐसे समय नदी को पार करने की जद्दोजहद में बीते वर्षों में यहां कई बार हादसे हो चुके हैं। बावजूद इसके अब तक की सरकारों ने यमकेश्वर प्रखंड के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की इस सबसे बड़ी समस्या को दरकिनार रखा। खासकर भाजपा के शासनकाल में यह स्थिति तब रही, जब यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में पिछले चार चुनाव का परिणाम उसके पक्ष में ही रहा है।

टेंडर प्रक्रिया के तहत बीन नदी पर 150 मीटर स्पान के ब्रिज निर्माण की प्रक्रिया 18 महीने यानि डेढ़ वर्ष में पूरी की जानी है। इसके लिए 39.72 करोड़ की वित्तीय मंजूरी दी गई है। हालांकि यह भी तय है कि डेढ़ सौ मीटर स्पान के इस ब्रिज का निर्माण इस डेडलाइन में पूरा हो पाना तकनीकि रूप से संभव नहीं है। वजह, टेंडर प्रक्रिया में ही दो से तीन माह का समय लगेगा और वर्ष 2022 के वर्षाकाल में करीब चार महीने ब्रिज निर्माण प्रक्रिया बाधित रहेगी।

क्या कहते हैं क्षेत्रवासी
क्षेत्रवासी बीएस बिष्ट, आर. जोशी, सुरेंद्र नेगी आदि ने बताया कि विलंब से ही सही आखिकार सरकार और जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र के लोगों की इस महत्वपूर्ण समस्या पर गौर किया है। कहना है कि यह समस्या से दशकों से बनी हुई है। साथ ही सरकार से बीन नदी पर ब्रिज निर्माण की मांग भी की जाती रही है, मगर हरबार सरकार और जनप्रतिनिधियों ने चुनावों के समय वायदा तो किया, लेकिन फिर सुध नहीं ली। उम्मीद जताई कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित समयावधि में इस योजना को पूर्ण कराकर क्षेत्र के हजारों लोगों की तकलीफों को दूर करेगी।

वैकल्पिक मार्ग भी है यह
चीला-बैराज मोटर मार्ग न सिर्फ डाडामंडल के गांवों के लिए एकमात्र सुगम संपर्क मार्ग है, बल्कि हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच आवागमन के लिए भी इस मार्ग का बाईपास के तौर पर उपयोग किया जाता है। इतना ही नहीं हर छह साल में आयोजित होने वाले कुंभ पर्व और हरवर्ष श्रावणमास की कांवड़ यात्रा के दौरान भी इस मार्ग को हरिद्वार-ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर यातायात दबाव कम करने व जाम की समस्या से निजात के लिए भी बाईपास के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

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