
Aiims Rishikesh News : ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में हृदय संबंधी बीमारियों और मधुमेह को लेकर दो दिनी सम्मेलन संपन्न हो गया। इस दोरान विशेषज्ञों ने कार्डियोलॉजी और शुगर की नवीनतम प्रगति पर विस्तार से चर्चा की।
एम्स में कार्डियो-डायबिटीज सोसायटी द्वारा आयोजित चौथा वार्षिक सम्मेलन में संस्थान की कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रो. डॉ. मीनू सिंह ने वर्चुअल जुड़कर मधुमेह की जटिलताओं को शीघ्र पहचानने की आवश्यकता पर जोर दिया। अतिथि एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रो. सुरेखा किशोर ने बताया कि मधुमेह लगभग सभी अंगों में जटिलताओं का प्रमुख कारण है। जी20 में चर्चा के दौरान केंद्र सरकार ने हाई बीपी और शुगर के लिए साढ़े सात करोड़ नागरिकों की जांच का निर्णय लिया है। एम्स भोपाल के डीन (अकादमिक) प्रो. रजनीश जोशी ने सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के लिए एक रोगी शिक्षा पुस्तिका लॉन्च की।
कॉन्फ्रेंस में देशभर के विशेषज्ञों ने अपने अनुभवों को युवा चिकित्सकों के साथ साझा किया। उन्होंने मधुमेह में फेफड़ों की जटिलताओं, पोषण, नए बायोमोलेक्यूल्स, जोड़ों की समस्याएं, बाल झड़ना, यौन समस्याएं, वयस्क टीकाकरण, संक्रमण, हृदय विफलता, सर्जरी द्वारा मोटापे का इलाज आदि विषयों पर चर्चा की।
सम्मेलन के प्रमुख वक्ताओं में एम्स ऋषिकेश के जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रविकांत, सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना, प्रो. नितिन बंसल, प्रो. गिरीश सिंधवानी, डॉ. अमित वर्मा, डॉ. प्रखर शर्मा, डॉ. के. बालामुरुगेसन, डॉ. कल्याणी श्रीधरन, डॉ. वेंकटेश पई, डॉ. नवीन कंसल, डॉ. रवींद्र शुक्ला, डॉ. ज्योति प्रकाश, डॉ. महेंद्र, डॉ. स्मिता, डॉ. विष्णु, डॉ. रिफिका, डॉ. मनु शर्मा, डॉ. मोहित गर्ग, डॉ. अनिरुद्ध मुखर्जी, डॉ. दिव्यांशी शर्मा, डॉ. राहुल मेहरोत्रा, डॉ. नम्रता गौड़, डॉ. कार्तिक भार्गव, डॉ. आलोक जोशी, डॉ. लोकेश अरोड़ा और डॉ. अमित छाबड़ा शामिल थे।
पहले दिन सेमिनारों के अलावा चिकित्सा संबंधी बहसें और प्रशिक्षु डॉक्टरों द्वारा रिसर्च पेपरों की प्रस्तुतियां दी गईं। दूसरे दिन जूनियर डॉक्टरों के लिए ईसीजी और इकोकार्डियोग्राफी पर कार्यशाला आयोजित की गई। मौके पर आयोजन सचिव डॉ. मुकेश बैरवा, डॉ. साहिल, डॉ. निधि भूतडा, डॉ. राशि मित्तल, डॉ. बालाचंद्रा, नीलांजना आदि मौजूद रहे।