Aiims News : ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश में अब आधुनिक चिकित्सा के साथ पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का भी लाभ मिलेगा। इसके लिए एम्स के आयुष विभाग में इंटीग्रेटिव मेडिसिन विभाग की स्थापना की गई है। जिसमें पंचकर्मा की सुविधाएं भी शामिल हैं। 13 जुलाई को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री इसका शुभारंभ करेंगी।
बता दें कि जीवनशैली से जुड़ी कुछ ऐसी भी बीमारियां हैं जिनका पूर्ण उपचार किसी एक चिकित्सा पद्धति से संभव नहीं है। एम्स ऋषिकेश में अब ऐसी गंभीर बीमारियों का उपचार एक ही स्थान पर हो सकेगा। इसके लिए संस्थान में इंटीग्रेटिव (एकीकृत) मेडिसिन विभाग की एक अलग डिवीजन बनाई जा रही है।
कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. मीनू सिंह ने बताया कि मरीजों को अधिकाधिक स्वास्थ्य लाभ देने के उद्देश्य से संस्थान के आयुष भवन में इंटीग्रेटिव मेडिसिन केन्द्र खोला जाएगा। जहां अलग-अलग चिकित्सा पद्धतियों से मरीजों का उपचार किया जाएगा। कहा कि एलोपैथिक चिकित्सा के साथ कई बीमारियों में आयुर्वेदिक और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति भी लाभकारी सिद्ध हुई है। ऐसे में इंटीग्रेटिव मेडिसिन विभाग में इनका इलाज और इसमें अनुसंधान कार्य भी हो सकेंगे। विभाग द्वारा पारंपरिक दवाओं और योग को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस केन्द्र में आयुर्वेद से संबन्धित पंचकर्मा की सुविधाएं भी शुरू की जा रही हैं। केन्द्र का शुभारंभ 13 जुलाई को केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार करेंगी।