Aiims Rishikesh News : ऋषिकेश। सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन दिवस पर एम्स में आयोजित जनजागरूकता कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को समय-समय पर स्की्रनिंग करने की सलाह दी गई। कहा गया कि जनजागरूकता के माध्यम से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को खत्म किया जा सकता है।
एम्स ऋषिकेश के प्रसूती व स्त्री रोग विभाग और नर्सिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि गर्भाशय कैंसर के उन्मूलन के लिए समाज की प्रत्येक महिला को जागरूक होना पड़ेगा। इसके माध्यम से बीमारी का निदान किया जा सकता है। कहा कि घरेलू कार्यों में व्यस्त रहने के कारण महिलाएं आमतौर पर अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतती हैं जो भविष्य में उन्हें नुकसान देती हैं।
डीन एकेडेमिक और गायनी विभाग की हेड प्रो. जया चतुर्वेदी ने एम्स में स्क्रीनिंग कार्यक्रम की जानकारी दी। साथ ही एचपीवी टीकाकरण अभियान बढ़ाने पर जोर दिया। बताया कि एम्स में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आरबी कालिया ने इसके खात्मे के लिए हम सभी को एक योजनाबद्ध तरीके से महिलाओं को जागरूक करना होगा। ऑन्कोलॉजिस्ट प्रोफेसर डॉ. शालिनी राजाराम ने बताया कि इसके लक्षण देरी से दिखते हैं लेकिन एचपीवी वैक्सीन से इसे रोका जा सकता है। उन्होंने 30 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को स्क्रीनिंग करवाने के लिए अस्पताल आने के लिए प्रोत्साहित किया।
नर्सिंग विभाग की डीएनएस वंदना ने संचालन करते हुए महिलाओं को इस दिन महत्ता बताई। इस दौरान नर्सिंग ऑफिसर्स और रेजिडेंट डॉक्टरों की टीम ने नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। इस विषय पर पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।
कार्यक्रम में गायनी विभाग की डॉ. अनुपमा बहादुर, चीफ नर्सिंग ऑफिसर रीटा शर्मा, एएनएस सोनिया, नीमवाक, एएनएस, एनओ सहित कई अन्य मौजूद रहे।
सोम से शुक्रवार में होती है जांच
एम्स की गायनी ओपीडी में सोमवार से शुक्रवार तक प्रत्येक दिन महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की जांच की जाती है। ’वीआईए ओपीडी क्लीनिक’ सुबह 9 बजे से अपरान्ह 1 बजे तक संचालित होती है। स्त्री रोग ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. शालिनी राजाराम ने बताया कि एम्स में यह कार्यक्रम अगस्त 2023 में शुरू किया गया था। ’विजुअल इंस्पेक्शन विद एसिटिक एसिड’ (वीआईए) विधि द्वारा अभी तक 500 से अधिक महिलाओं की स्क्रीनिंग की जा चुकी हैं। कहा कि 30 से 65 वर्ष की उम्र की महिलाओं को प्रत्येक 5 वर्ष के अन्तराल में सर्वाइकल कैंसर की जांच हेतु अनिवार्य रूप से स्क्रीनिंग करवानी चाहिए।