Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर देश में सियासत गर्माने लगी है। विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने भी यशवंत सिन्हा को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। अब नजरें बीजेपी पर टिकी हैं कि उसका उम्मीदवार कौन होगा?
कोलकाता की सीएम ममता बनर्जी द्वारा दिल्ली में बुलाई गई बैठक में सर्वसम्मति से यशवंत सिन्हा के नाम पर विपक्षी नेताओं ने अपनी मुहर लगाई। इससे पूर्व सिन्हा ने भी बड़ी जिम्मेदारी लेने को अपनी सहमति दे दी थी।
जनता पार्टी से राजनीति का सफर शुरू करने वाले यशवंत सिन्हा की एक समय भाजपा में मजबूत पकड़ थी। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी का बेहद करीबी माना जाता था। मगर, पीएम नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद वह भाजपा से दूर हो गए। कुछ वक्त पहले उन्होंने सक्रिय राजनीति से सन्यास की घोषणा भी की। लेकिन बीते वर्ष सिन्हा अचानक ही ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।
विपक्ष के राष्ट्रपति कैडिडेट यशवंत सिन्हा का जन्म 6 नवंबर 1937 को पटना में हुआ था। राजनीतिशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री के बाद वह पटना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे। इसबीच उन्होंने आईएएस की तैयारी की। आईएएस में चयन होने पर 1960 में उन्होंने विश्वविद्यालय की नौकरी छोड़ दी। प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर 24 साल कई अहम पदों पर रहे। यशवंत सिन्हा 1971 से 1974 तक जर्मनी में भारतीय दूतावास के पहले सचिव भी रहे।
यशवंत सिन्हा ने करीब ढाई दशक तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के बाद 1986 में जनता पार्टी ज्वाइन कर राजनीति में इंट्री ली। 1988 में वह पहली बार राज्यसभा सदस्य के लिए चुने गए। वर्ष 1989 में पार्टी के जनता दल से गठबंधन होने पर उन्हें महासचिव बनाया गया। 1990-91 में चंद्रशेखर सरकार में वह वित्त मंत्री के पद पर रहे। 1998 से साल 2002 तक सिन्हा अटल सरकार में भी वित्त मंत्री रहे। 2002 में उन्होंने विदेश मंत्रालय का पद संभाला। 2018 में बीजेपी छोड़ने के बाद 2021 में वह ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी में शामिल हुए।
साभार- मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित