सियासत

Rishikesh: दो मंत्री, एक विधायक, चार निकाय और चुनौतियां

Uttarakhand Nikay Chunav : ऋषिकेश (शिखर हिमालय)। तीर्थनगरी की निकायों में मौजूदा चुनाव सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के साथ ही भाजपा के दो मंत्रियों और एक विधायक के लिए खासा महत्वपूर्ण है। खासकर इसलिए भी कि टिकटों के बंटवारे में उनकी खासी भूमिका बताई गई। पिछले चुनाव में भाजपा के पास दो निकाय और एक कांग्रेस के खाते में थी। जबकि नगर पंचायत तपोवन का यह पहला चुनाव है। लिहाजा, दो मंत्री, एक विधायक की साख से ताल्लुक इन चार निकाय में रोमांचक मुकाबले के आसार बताए जा रहे हैं।

नगर निगम ऋषिकेश
ऋषिकेश विधानसभा में नगर निगम का यह दूसरा चुनाव है। पहले चुनाव में भाजपा ने परचम लहराया था। इसबार यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। नामांकन वापसी के बाद मेयर पद पर चार प्रत्याशी मैदान में हैं। जिनमें भाजपा ने शंभू पासवान, कांग्रेस ने दीपक प्रताप जाटव और यूकेडी ने रिटायर्ड अधिकारी महेंद्र सिंह को टिकट दिया है। जबकि दिनेश चंद्र मास्टर कांग्रेस से बगावत कर निर्दल मैदान में आ डटे हैं।

चर्चा है कि भाजपा से मेयर प्रत्याशी शंभू पासवान को टिकट दिलाने में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की खासी भूमिका रही। जिसके चलते अब यहां भाजपा की जीत का दारोमदार पासवान से ज्यादा अग्रवाल के कंधों पर अधिक रहेगा। अग्रवाल ने मेयर के साथ ही पार्षद सीटों को भी जीतने का दावा भी किया है। मगर, दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि पासवान को पार्टी में सामने से तो नहीं लेकिन अंदरखाने भितरघात का सामना करना पड़ सकता है।

नगर पालिका मुनिकीरेती-ढालवाला
नगर पलिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला का भी यह दूसरा चुनाव है। यह सीट पहली बार महिला आरक्षित हुई है। पहले चुनाव में यह सीट भी भाजपा को मिली थी। जिसमें नरेंद्रनगर विधायक और मंत्री सुबोध उनियाल के प्रभाव ही माना गया। इस बार अध्यक्ष के लिए भाजपा से बीना जोशी, कांग्रेस से उर्मिला राणा और निर्दलीय नीलम बिजल्वाण व निर्मला उनियाल मैदान में हैं। निर्मला उनियाल भाजपा की बागी प्रत्याशी हैं। जबकि नीलम बिजल्वपाण के पति हिमांशु बिजल्वाण ने 2022 में कांग्रेस छोड़ी।

आमतौर पर यहां सुबोध उनियाल का दबदबा माना जाता है। लेकिन मौजूदा मुकाबले में बीना जोशी को जहां बागी उम्मीदवार निर्मला उनियाल की चुनौती मिल सकती है, वहीं, 2013 में भाजपा के टिकट पर नगर पंचातय अध्यक्ष रहे शिवमूर्ति कंडवाल भी निर्दल नीलम बिजल्वाण के प्रस्तावक बने हैं। नीलम 2017 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हिमांशु बिजल्वाण की पत्नी है। उधर, कांग्रेस पृष्ठभूमि के चलते नीलम बिजल्वाण की मौजूदगी को कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला राणा के लिए भी चुनौती माना जा रहा है। ऐसे में सुबोध उनियाल का सियासी कौशल क्या इस सीट को भाजपा के खाते में महफूज रख सकेगा, फिलहाल यह सवाल बाकी है।

नगर पंचायत तपोवन
नरेंद्रनगर विधानसभा के अंतर्गत ही निकाय नगर पंचायत तपोवन का यह पहला चुनाव है। जिसपर भाजपा से विनिता बिष्ट और निर्दलीय रोशनी बिष्ट के बीच आमने-सामने की टक्कर है। कांग्रेस यहां कोई प्रत्याशी नहीं उतार पाई। हालांकि कहा जा रहा रोशनी बिष्ट कांग्रेस परिवार से ही ताल्लुक रखती हैं, मगर उन्होंने कांग्रेस के सिंबल की बजाए निर्दल मैदान में उतरना तय किया। करीब 2400 मतदाता वाली इस निंकाय में भी मंत्री सुबोध उनियाल का खास प्रभाव माना जाता है। लिहाजा, भाजपा के लिए निर्दल से मुकाबला रोचक होने के आसार लग रहे हैं।

नगर पंचायत स्वर्गाश्रम-जौंक
नगर पंचायत तपोवन की तरह गंगा के दूसरे छोर पर महिला आरक्षित नगर पंचायत स्वर्गाश्रम-जौंक में भी कांग्रेस-और भाजपा के बीच सीधी भिड़ंत होगी। भाजपा ने यहां पूर्व सभासद हिमानी राणा और कांग्रेस ने बिंदिया अग्रवाल को टिकट दिया है। बिंदिया निर्वतमान अध्यक्ष माधव अग्रवाल की भाभी हैं। पूर्व सभासद हिमानी राणा और उनके पति निर्वतमान सभासद नवीन राणा भी पूर्व में कांग्रेस से ही जुड़े रहे हैं। इस सीट को यमकेश्वर विधायक रेणू बिष्ट की साख से जोड़कर देखा जा रहा है। जबकि माधव अग्रवाल कांग्रेस संगठन और अपने बुते इस चुनाव में हैं। ऐसे में बाजी किसके हाथ होगी, 25 जनवरी को परिणाम के साथ ही यह साफ हो जाएगा।

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