देहरादून। उत्तराखंड में रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर तीखी पोस्ट लिखी है। उन्होंने इसे लोकतंत्र का गला घोटने वाला कदम बताया है।
फेसबुक के अपने अधिकृत पेज पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सीएम हरीश रावत ने लिखा है कि हमारे राज्य में रासुका के तहत जिलाधिकारियों को असीमित अधिकार दे दिए गए हैं। पहले कर्मचारी और बिजली कर्मचारियों की हड़तालों को रोकने के लिए एस्मा की बात हो रही थी। अब कई कदम आगे बढ़कर लोकतंत्र का गला घोटने के लिए रासुका लगाई जा रही है। सरकार कारण तो बताए कि क्यों रासुका लगाने की आवश्यकता पड़ रही है?
आगे लिखा कि हां, रुड़की में एक धर्मस्थल में कुछ लोगों ने जिस तरीके से घुसकर गुंडागर्दी, मारपीट की है वो जरूर फिट केस हो सकते हैं रासुका के लिए। क्या हिम्मत है राज्य सरकार को कि उनको रासुका के अंदर बुक करें?
यह भी कि यदि लोकतांत्रिक आंदोलनों और स्वरों को दबाने के लिए, आप रासुका की धमकी दे रहे हैं तो इस धमकी से लोकतंत्र प्रेमी लोग डरने वाले नहीं हैं। रासुका के खिलाफ भी आवाज उठेगी, प्रबल तरीके से उठेगी और मैं उस आवाज को लीड देने का काम कर रहा हूं।