उत्तराखंड

कोटद्वार में फरवरी में होगी मूलनिवास स्वाभिमान महारैली

मूल निवास भूकानून समन्यवय संघर्ष समिति ने की विभिन्न संगठनों के साथ चर्चा

कोटद्वार। उत्तरायणी पर्व पर बागेश्वर में स्थायी मूल निवास प्रमाण पत्रों को सरयू नदी में बहाने के बाद कोटद्वार शहर में फरवरी महीने में मूल निवास स्वाभिमान महारैली होगी। मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति ने विभिन्न संगठनों के साथ बैठक के बाद यह ऐलान किया है।

समन्वय संघर्ष समिति ने कोटद्वार में सामाजिक व राजनीतिक संगठनों समेत पूर्व सैनिकों और राज्य आंदोलनकारियों के साथ बैठक कर मूल निवास भूकाननू आंदोलन की अग्रिम रणनीति पर चर्चा की। जिसमें फरवरी माह में कोटद्वार में मूल निवास स्वाभिमान महारैली आहूत करने पर सहमति बनी। महारैली की तारीख संघर्ष समिति की कोटद्वार टीम तय करेगी।

समिति संयोजक मोहित डिमरी और सह संयोजक लुशुन टोडरिया ने बताया कि मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने का अभियान जारी है। यह उत्तराखंड के हरेक मूल निवासी का आंदोलन है। जब तक उत्तराखंड में हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू-कानून और मूल निवास 1950 लागू नहीं हो जाता, आंदोलन जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि यह लड़ाई हमारे अस्तित्व, अस्मिता, स्वाभिमान और अपनी सांस्कृतिक पहचान बचाने की है। हमारे संसाधनों, नौकरियों, जल, जंगल, जमीन पर बाहरी लोग कब्जा कर चुके हैं। हमें अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए इस लड़ाई को लड़ना ही होगा।

उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी और पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष महेंद्र पाल सिंह रावत ने कहा कि आज हमारी जमीनों पर भू माफिया का कब्जा होता जा रहा है। हमारे लोग बाहर के लोगों के रिजॉर्ट में नौकर बनने के लिए मजबूर हो गए हैं। सरकार ने भू कानून इतना लचर बना दिया है, कोई भी हमारे राज्य में बेतहाशा जमीन खरीद सकता है।

यूकेडी के वरिष्ठ नेता महेंद्र सिंह रावत, इंडिया अगेंस्ट करप्शन से अनूल थपलियाल, हिन्दू समाज पार्टी के दीपक सिंह रावत ने कहा कि जब हमारी जमीन बचेगी, तभी हमारा ज़मीर भी बच पाएगा। जमीन बचेगी तो हमारी संस्कृति, बोली-भाषा, वेशभूषा, साहित्य और अस्मिता बच पाएगी।
यूकेडी सैनिक प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रमोद काला, यूकेडी जिलाध्यक्ष मुकेश बडथ्वाल, अनिल डोभाल, मनोज सिंह, अनिल कुमार, राज्य आंदोलनकारी मनमोहन सिंह नेगी, जय देवभूमि फाउंडेशन के अध्यक्ष शिवानंद लखेड़ा, पूर्व छात्र नेता रमेश भंडारी, विनय भट्ट अनिकेत नौटियाल ने कहा कि हम सभी को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ना है। आज हम लोग नहीं लड़े तो आने वाले समय में हम लोग अल्पसंख्यक हो जाएंगे।

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