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ऋषिकेश। काव्यांश प्रकाशन से हालिया प्रकाशित यात्रा वृतांत “निकले जो सफर पर” का मुनीकीरेती में विमोचन किया गया। वक्ताओं ने पुस्तक में छपे यात्रा वृतांत तो पर अपने विचार रखे।
मुनीकीरेती के शीशम झाड़ी स्थित लक्ष्मी होमस्टे मैं आयोजित पुस्तक विमोचन और संवाद कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस भंडारी ने कहा कि यात्रा वृतांत साहित्य की रोचक विधा है, जो स्थान विशेष के संपूर्ण वैभव के साथ लिखे जाते हैं। इनमें कल्पनाशीलता व आत्मीयता का पुट होता है। निकले जो सफर पर के लेखक ने देश-विदेश की ऐसी ही यात्राओं को अपने निजी अनुभवों के साथ संकलित किया है।
पूर्व पालिका अध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा छोटू भाई ने कहा कि साथी धर्मानंद लखेड़ा के ये यात्रा वृतांत बेहद रोचक हैं। जो पढ़ते हुए देश- दुनिया की सैर करने के लिए आपको भी अपने साथ ले चलेंगे । जयेंद्र रमोला ने कहा कि यात्राएँ हमारे जीवन को एक नई दृष्टि देती हैं, नहीं तो जीवन ठहर जाता है। अधिवक्ता शीशराम कंसवाल ने कहा कि उन्होंने जीवन में अपनी पहली यात्रा 13 साल की उम्र में की थी, जिसकी यादें अभी भी उनके स्मृति पटल में हैं।
लेखक धर्मानंद लखेड़ा ने कहा कि उनका लेखन के साथ यह पहला प्रयास है। यात्राओं से गुजरते हुए उन्हें जो भी अनुभूति हुई उसे यहाँ इस किताब में जस का तस रख दिया गया है, पाठक भी उसी मन से इस किताब को पढ़ सकते हैं।
काव्यांश प्रकाशन के प्रबोध उनियाल ने बताया कि ‘निकले जो सफर पर’ में सहस्त्रताल, टौंस घाटी से यमुना घाटी, मध्यमहेश्वर, रूपकुंड आगाज़-ए-दोस्ती (हुसैनीवाल), करतारपुर साहिब व वियतनाम सहित आठ यात्राओं के रोचक किस्से शामिल हैं।
इस अवसर पर रंगकर्मी सतीश धौलाखंडी व बीड़ी पांडे ने जनगीत प्रस्तुत किए। विनोद रतूड़ी,जगदीश कुलियाल, गयाप्रसाद द्विवेदी, हरिओम पाली, अशोक थापा, यज्ञव्रत शर्मा, असद, वीके डोभाल व सरदार दर्शन सिंह आदि ने अपने विचार साझा किए।
मौके पर अशोक क्रेजी, रामकृष्ण पोखरियाल, सत्येंद्र चौहान, हरिनारायण राजभर, धनेश कोठारी, संजय निरंकारी, खैरीखुर्द के उप प्रधान रोहित नेगी, वार्ड सदस्य रीना चौहान आदि मौजूद थे कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सुनील थपलियाल ने किया ।