उत्तराखंड

भगत सिंह और साथियों के विचार आज भी प्रासंगिकः कैलाश

लालकुआं 23 मार्चः छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने शहीदे आज़म भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहादत दिवस विचार गोष्ठी आयोजित की। गोष्ठी में शहीदों के विचारों के अनुरूप फासीवाद को मिटाने, अन्याय पर आधारित व्यवस्था को बदलने और समतामूलक समाज के लिए लड़ाई तेज करने का संकल्प जताया गया।

शनिवार को बिंदुखत्ता स्थित दीपक बोस भवन में आयोजित विचार गोष्ठी में शहीद भगत, सुखदेव और राजगुरु के अलावा 23 मार्च को ही ही शहीद हुए क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह पाश को भी याद किया गया। भाकपा (माले) के जिला सचिव डॉ. कैलाश पांडेय ने कहा कि भगत सिंह और साथियों के विचार आज भी प्रासंगिक हैं।

उन्होंने कहा कि आज़ादी की लड़ाई ब्रिटिश साम्राज्यवादी कंपनी राज के खिलाफ थी, आज नए फासीवादी कॉरपोरेट कंपनी राज के विरुद्ध दूसरी लड़ाई की जरूरत है। इसलिए आज़ादी के नायक, प्रतीक ओर उनके विचार सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत हैं। भगत सिंह और साथियों की वैचारिक विरासत का भविष्य के भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

आइसा के जिलाध्यक्ष धीरज कुमार ने कहा कि क्रांतिकारी भगत सिंह के विचार युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं। छात्र और राजनीति, साम्प्रदायिक दंगे और उनका इलाज, अछूत समस्या जैसे उनके कई लेख आज भी देश की समस्याओं के समाधान के लिए रास्ता दिखाने का काम कर रहे हैं।

गोष्ठी में नैनीताल जिलाध्यक्ष धीरज कुमार, माले के उधमसिंहनगर जिला सचिव ललित मटियाली, अनीता अन्ना, विमला रौथाण, दीपक कुमार टम्टा, गोविन्द राजभर, प्रभात पाल, रोहित बिष्ट, अस्मिता, कमल जोशी, प्रिया, विशाल, अनीता, मनोज मेहता, आंचल, कशिश, विवेक आदि मौजूद थे।

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