उत्तराखंडएजुकेशन

नई शिक्षा नीति से युवा बनेंगे रोजगार प्रदाता: धामी

सीएम ने किया राज्यस्तरीय नैक प्रत्यायन कार्यशाला में प्रतिभाग

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में आयोजित उच्च शिक्षा चिंतन शिविर के अंतर्गत राज्य स्तरीय नैक प्रत्यायन कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने उच्च शिक्षा संस्थानों पर आधारित “उत्तराखंड राज्य के नैक प्रत्यायन की क्वालिटी फैक्ट रिपोर्ट“, “अनुशंसा रिपोर्ट“ एवं “इनोवेशन इन हायर एजुकेशन“ पुस्तक का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री धामी की उपस्थिति में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा उत्तराखंड राज्य में उच्च शिक्षा संस्थानों के आधुनिकरण, उद्यमिता और कौशल विकास के क्षेत्र में देश के प्रतिष्ठित संस्थान “भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद“ के साथ उद्यमिता संवर्धन हेतु एमओयू हस्ताक्षरित किया गया साथ ही छात्रों को वर्चुअल लैब की सुविधा प्रदान करने हेतु अमृता विश्वविद्यापीठम् केरल तथा कम्प्यूटर दक्षता और आईटी विशेषज्ञता के लिए एडूनेट आईबीएम के साथ भी एमओयू साइन किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिंतन शिविर के मंथन से अवश्य ही ज्ञानरूपी अमृत निकलेगा, जो हमारे प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार करने में सहायक सिद्ध होगा। कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में नए भारत की नींव रखी जा रही है। नई शिक्षा नीति के माध्यम से देश की आने वाली पीढ़ी हमारे देश के वास्तविक इतिहास व महान संस्कृति से परिचित हो सकेगी।

उन्होंने कहा कि जहां एक पुरानी शिक्षा पद्धति युवाओं को सिर्फ नौकरी दिलाने का उद्देश्य रखती थी, वहीं नई शिक्षा नीति के माध्यम से युवा स्वयं नौकरियां देने वाले बन सकेंगे। इसके माध्यम से युवा इन्टरप्रेन्योर बन सकेगा और स्टार्टअप विकसित कर सकेगा। कहा कि उत्तराखंड राज्य के नैक प्रत्यायन की क्वालिटी फैक्ट एवं अनुशंसा रिपोर्ट उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के कार्य की रूपरेखा निश्चित करने में सहायक सिद्ध होगी। दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा पहुँचाने के प्रयास में नैक संस्था का पूरा सहयोग मिल रहा है।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, नैक बंगलुरू के निदेशक प्रो. एससी शर्मा, चांसलर डीआईटी यूनिवर्सिटी एन. रविशंकर, सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगौली, अपर सचिव उच्च शिक्षा प्रशांत आर्य, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. जगदीश प्रसाद आदि मौष्जूद रहे।

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