
ऋषिकेश। निरंकारी मिशन की ओर से बाबा गुरबचन सिंह की स्मृति में प्रेम और भाईचारे की भावना को उजागर करता ‘मानव एकता दिवस’ मनाया गया। गंगानगर स्थित सत्संग में संयोजक हरीश बांगा ने सतगुरु माता सुदीक्षा के संदेश को साझा किया गया।
सत्संग में स्थानीय संयोजक हरीश बांगा ने कहा कि मानव एकता दिवस पर मिशन द्वारा देशभर में रक्तदान की प्रेरक शृंखला आरंभ की जाती है। साथ ही सत्संग कार्यक्रमों से प्रेम, शांति और समरसता का प्रकाश भी जन जन तक पहुंचाया जाता है। यह दिन इस बात का परिचायक है कि सेवा केवल एक कार्य नहीं, अपितु निष्काम समर्पण का आत्मिक भाव है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा देश में 500 से अधिक ब्रांचों पर रक्तदान शिविर आयोजित किए गए। निरकारी चौक बुराड़ी दिल्ली में आयोजित रक्तदान शिविर में श्रद्धालु सर्वाधिक संख्या में सम्मिलित हुए। सभी ने उत्साह और समर्पण के साथ रक्तदान कर मानय कल्याण में सहयोग दिया।
उन्होंने कहा कि युगदृष्टा बाबा गुरबचन सिंह ने सत्य बोध के माध्यम से समाज को अंधविश्वासों और कुरीतियों से मुक्त कर, नशा मुक्ति, सादा विवाह और युवाओं को सकारात्मक सोच के साथ जोड़ने जैसे लोक कल्याणकारी अभियानों की प्रेरक शुरुआत की थी। उनके मार्गदर्शन को आगे बढ़ाते हुए बाबा हरदेव सिंह ने ’रक्त नाड़ियों में बहे, नालियों में नहीं का अमर संदेश देकर रक्तदान को मिशन की आध्यात्मिक सेवा का अभिन्न अंग बना दिया। यह संदेश आज भी प्रत्येक निरंकारी भक्त के हृदय में सेवा और समर्पण की प्रेरक लौ बनकर जीवंत है।
संत निरंकारी हेल्थ सिटी की मेडिकल डाइरेक्टर गीतिका दुग्गल ने बताया कि आज सम्पूर्ण भारतवर्ष में आयोजित रक्तदान शृंखला में लगभग 30,000 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया, जिनमे से केवल दिल्ली शिविर में ही लगभग 1.000 यूनिट रक्तदान हुआ।
यह दिवस चाचा प्रताप सिंह सहित उन सभी समर्पित बलिदानी संतों की पुण्य स्मृति का प्रतीक है, जिन्होंने मानव एकता, निःस्वार्थ सेवा और आध्यात्मिक चेतना के मार्ग पर चलते हुए अपना संपूर्ण जीवन अर्पित कर दिया। मानव एकता दिवस उन्हीं संतों के दृढ विश्वास व संकल्प की प्रेरणा को जीवंत करता है।
रक्तदान शिविरों में इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी और दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों जैसे एम्स (AIIMS), डॉ. राममनोहर लोहिया (RML) अस्पताल, गुरु तेग बहादुर (GTB) अस्पताल सफदरजंग, दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल, लोक नायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल, हिन्दू रॉव अस्पताल इत्यादि की विशेषज्ञ टीमों ने भाग लिया।